आत्म-सम्मान के 6 स्तम्भ | The Six Pillars Of Self-Esteem By Nathaniel Branden Book Summary In Hindi
आत्म-सम्मान के 6 स्तम्भ | The Six Pillars Of Self-Esteem By Nathaniel Branden Book Summary In Hindi |
FIRST PILLAR “THE PRACTICE OF LIVING CONSCIOUSLY”
में चाहता हूँ कि आप दो व्यक्ति की कल्पना करे,पहला वयक्ति सुबह उठता है रोज की तरह काम पर जाने से पहले ready होता है और काम पर चला जाता है। जब वह घर बापस आता है उसे होश भी नहीं रहता की उसने क्या किया। वह junk food खाने लगता है जिसे घर आते समय उसने लिया था और T.V देखने लगता जबकि उसकी Wife उससे बात करने की कोशिश कर रही है।
अब दूसरे व्यक्ति के बारे में सोचिये जो सुबह उठता है और अपनी Wife से कहता है की वह कितना शुक्रगुजार है अपनी लाइफ के लिए। वह काम पर जाता है और पुरे जुनून के साथ काम करता, जिससे आगे जाके अपने सपने पुरे कर सके। जब वह घर बापस आता है तब वह और उसकी Wife साथ में Dinner करते है एक दूसरे के साथ मौजूद रह कर।
आपको क्या लगता है इन दोनों वयक्तियो में से High Self-Esteem (आत्म-सम्मान) किसका होगा।
SECOND PILLAR “THE PRACTICE OF SELF ACCEPTANCE”
क्या कभी आपने आप को सीसे के सामने खड़े होकर अपनी बड़ी नाक को देखा है ,कोई फर्क नहीं पड़ता कितने भी Angle बदल कर देखो वह बड़ी ही लगेगी क्योको वह बड़ी है। फिर आप किसी ओर के बारे में सोचते है और कहते है काश मेरी नाक Jhon जैसी होती।
सायद आप अपनी problem को छोटे दृष्टिकोण पर देख रहे है ,आप स्वयं को unique समझ रहे है। यदि हम अपका दृष्टिकोण बढ़ाये तो पाएंगे कि आपकी जो problem है बो हजारो की problem है ये उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है यही बात उन्हें unique बनती है।
स्वयं के अंगो के बारे में सोचना बंद करो ,आप इसलिए पैदा नहीं हुए कि स्वयं को यातना दे,बस इसलिए कि आप Jhon की तरह नहीं दीखते, आप किसी और के लिए नहीं बल्कि खुद के लिए पैदा हुए हैं।
THIRD PILLAR “THE PRACTICE OF SELF RESPONSIBILITY”
मे आपसे पूछता हूँ क्या आप अपनी Financial Situation को improve करने की सोच रहे या अपने पडोसी की Financial Problems की चिंता है ,आप अपनी Problem Solve करने की सोच रहे है या गरीब पडोसी के बच्चो के ली कपडे लेने की सोच रहे है।
मानलीजिए आपने अपनी Problem Solve करने की जगह पडोसी की Help की,लकिन पडोसी आपकी Help नहीं करेगा जब आपको जरुरत होगी ,में ये नहीं कहता की बो mean है ,ये एक Human Nature है। जैसे Lunch के समय अपने पालतू कुत्ते को खाना देने की जगह हम पहले खाना खाने की सोचेंगे फिर कुत्ते को देंगे।
किसी को फर्क नहीं पड़ता कि आपने इस महीने घर का किराया दिया या अगले महीने किराया न होने पर रोड पर गुजार दे , ऐसा क्यों ? क्योकि लोगे मुश्किल से अपनी Problem Handle कर पाते है। इसलिए अपनी Responsibility लो ,इसे किसी और के लिए मत छोड़ो | हर वयक्ति स्वयं की Help करने की सोचता है।
FOURTH PILLAR “THE PRACTICE OF SELF ASSERTIVENESS”
मुझे याद है जब मै छोटा था स्कूल में जब भी teacher कोई question पूछती थी तो में यह सोच के हाथ नहीं उठता था कही मेने कुछ गलत कह दिया तो मेरे friends मुझे बेवकूफ समझेगे फिर दूसरे students को पता चलेगा और पुरे स्कूल में मेरी छबि ख़राब हो जाएगी, तो में हमेशा यह सोचता रहता था क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं। जब में बड़ा हुआ तब मुझे पता चला कि, किसी को फर्क नहीं पड़ता में सही कहु या गलत क्योकि यदि कोई तुम्हारी हसी उडाता है,अगले दिन वो निश्चित रूप से भूल जायेगा और मेने ये भी जाना कोई सही चीज कहना कुछ नहीं होता।
यदि आप कुछ अच्छा कहोगे इसका मतलब ये नहीं की लोग आपको judge नहीं करेंगे। लोग हमेसा अपने Point of view से चीजों को देखते है और judge करते है। इसका मतलब है कि अभी आपके आसपास सब कुछ आंका गया है ,आप खुद भी यही करते है। आप अभी केबल video ही नहीं देख रहे बल्कि आपका दिमाग चीजो की व्याख्या कर रहा है जो आप सुन रहे हो और किसी चीज को video में judge करने की कोसिस कर रहे है जिससे कोई मतलब निकाला जाये जो आपके लिए उचित हो।
अपने Thoughts और Ideas को दबाना बंद करे क्योकि आपको लगता है ये अलग या गलत है। आप कभी perfect नहीं हो सकते न कुछ perfect कह सकते है ये बात हमेसा दिमाग में रखें। तो बहार जाओ और कहो की में जनता हूँ कि में perfect नहीं हूँ लेकिन मुझे मेरे अस्तित्व का अधिकार है जैसा Author कहते है।
FIFTH PILLAR “THE PRACTICE OF LIVING PURPOSEFULLY”
यदि आप एक Business Man से मिले जो अपने Business के लिए उत्साही हो और आप ऐसे आदमी से भी मिले जो अपनी सामन्य नौकरी में भी बेसा ही उत्साह रखता हो जैसा Business Man रखता है। लकिन Business Man में ज्यादातर, हमेशा ज्यादा आत्म-सम्मान (Self-Esteem) होगा ऐसा क्यों है?
क्योकि Business Man एक योद्धा की तरह है, जिस तरह एक योद्धा के पास बड़ा उद्देश्य होता है और जीतने के लिए जीता है ऐसा ही Business Man करता है। उसके पास ज्यादा आत्म-सम्मान (Self-Esteem) इसलिए होता है क्योकि वह एक उद्देश्य के लिए जीता है।
SIXTH PILLAR “THE PRACTICE OF PERSONAL INTEGRITY”
मै चाहता हूँ की आप याद करे की लास्ट टाइम अपने कब dieting की थी। उस समय junk food cigarette की तरह हो जाता है और आपके दिमाग में एक आबाज सुनाई देती है जो कहती है कोई बोत नहीं ये एक चिप्स का पैकेट ही तो है कोई नहीं देख रहा खा लो खा लो……जब आप खा लेते है,तो अंदर से एक आबाज आएगी तुमने फिर से कर दिया और आप खुद के बारे में बुरा feel करने लगेंगे। इस pillar को दिमाग की उस धारणा से सम्बंद रखता है जिसे कहते है Congruence.और Congruence का मतलब होता है आपके सब्दो ,विचारो और कार्रवाई (Actions) में समानता।
यदि आप गहराई से जानते हैं कि आपको junk food के बजाय Fruits का सेवन करना चाहिए लेकिन आप फिर भी junk food खाते हैं तब आपके दीमक में Negative Mental आबाज आती है और आपका आत्म-सम्मान (Self-Esteem) टूट जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योकि आत्म-सम्मान (Self-Esteem) को हमने एक Reputation की तरह अपनाया है। यदि हम वो करते है जो हमें नहीं करना चाहिए तो Reputation घटती जाती है।