पर उपदेश कुशल बहुतेरे | Hindi Motivational Story
पर उपदेश कुशल बहुतेरे | Hindi Motivational Story |
💕Hello Friends,आपका स्वागत है learningforlife.cc में। एक बार पंक्षियों का राजा अपने दल के साथ भोजन की खोज में एक जंगल में गया। राजा ने पंक्षियों को आदेश दिया, जाओ और जाकर दाने और बीज ढूंढो । मिले तो बताना। सब मिलकर खाएगें। सभी पक्षी दानों की तलाश में उधर निकल पड़े। उड़ते-उड़ते एक चिड़िया उस सड़क पर आ गई जहां से गाड़ियों में लदकर अनाज जाता था।
उसने सड़क पर अनाज बिखरा देखा। उसने सोचा कि वह राजा को इस जगह के बारे में नहीं बताएगी। पर किसी और चिड़िया ने इधर आकर यह अनाज देख लिया तो..? ठीक है, बता भी दूंगी लेकिन यहां तक नहीं पहुंचने दूंगी। वह वापस अपने राजा के पास पहुंच गई। उसने वहां जाकर बताया कि राजमार्ग पर अनाज के ढेरों दाने पड़े हैं। लेकिन वहां खतरा बहुत है। तब राजा ने कहा कि कोई भी वहां न जाए।
इस तरह सब पक्षियों ने राजा की बात मान ली। वह चिड़िया चुपचाप अकेली ही राजमार्ग की ओर उड़ चली और जाकर दाने चुगने लगी। अभी कुछ ही देर बीती कि उसने देखा एक गाड़ी तेजी से आ रही थी। चिड़िया ने सोचा, गाड़ी तो अभी दूर है। क्यों न दो-चार दाने और चुग लूं। देखते-देखते गाड़ी चिड़िया के उपर से गुजर गई और उसके प्राण पखेरू उड़ गए।
उधर शाम को राजा ने देखा कि वह चिड़िया नहीं आई है तो उसने सैनिकों को उसे ढूंढने का आदेश दिया।
वे सब ढूंढते-ढूंढते राजमार्ग पर पहुंच गए। वहां देखा तो वह चिड़िया मरी पड़ी थी। राजा ने कहा, ‘इसने हम सबको तो मना किया था किंतु लालचवश वह अपने को नहीं रोक पाई और प्राणों से हाथ धो बैठी।
शिक्षा 👇
अत्यधिक लाभ का फल कभी-कभी प्राणघातक भी हो सकता है।