दूसरों में ‘अच्छाइयाँ’ ढूंढ | Hindi Motivational Story
Dusro Mai Achaiya Dhude | दूसरों में ‘अच्छाइयाँ’ ढूंढ | Hindi Motivational Story |
💕Hello Friends,आपका स्वागत है learningforlife.cc में। एक दिन श्रील चैतन्य महाप्रभु पुरी उड़ीसा के जगन्नाथ मंदिर में ‘गुरूड़ स्तंभ के सहारे खड़े होकर दर्शन कर रहे थे। एक स्त्री वहां श्रद्धालु भक्तों की भीड़ को चीरती हुई देव-दर्शन हेतु उसी स्तंभ पर चढ़ गई और अपना एक पांव महाप्रभुजी के दाएं कंधे पर रखकर दर्शन करने में लीन हो गई। यह दृशय देखकर महाप्रभु का एक भक्त घबड़ाकर धीमे स्वर में बोला, हाय, सर्वनाश हो गया! जो प्रभु स्त्री के नाम से दूर भागते हैं, उन्हीं को आज एक स्त्री का पाँव स्पश हो गया! न जाने आज ये क्या कर डालेंगे।
वह उस स्त्री को नीचे उतारने के लिए आगे बढ़ा ही था कि उन्होंने सहज भावपूर्ण शब्दों में उससे कहा -अरे नहीं, इसको भी जी भरकर जगन्नाथ जी के दर्शन करने दो, इस देवी के तन-मन-प्राण में कृष्ण समा गए हैं, तभी यह इतनी तन्मयी हो गई कि इसको न तो अपनी देह और मेरी देह का ज्ञान रहा..अहा! इसकी तन्मयता तो धन्य है.. इसकी कृपा से मुझे भी ऐसा व्याकुल प्रेम हो जाए।
निष्कर्ष :👇
काम करते समय दूसरों की गलतियों की बजाय अच्छाइयां ढूंढना अपनी आदत में लें, जिससे हमारे काम की
गुणवत्ता बढ़े और समय की बचत हो। साथ में यह आदत हमारे शिष्ट-व्यवहार को दर्शाएगी।