द न्यू वन मिनट मैनेजर | The New One Minute Manager Book Summary In Hindi
उसने कई “सख़्त” मैनेजर देखे, जिनकी कंपनियाँ तो जीत रही थीं, लेकिन वहाँ काम करने वाले कर्मचारी हार रहे थे। उसने कई “भले” मैनेजरों से भी मिला, जिनके कर्मचारी जीत रहे थे, जबकि उनकी कंपनियाँ हारती नज़र आ रही थीं। लेकिन वह जैसा मैनेजर चाहता था वैसा नहीं मिल रहा था।
तभी उसे एक ख़ास मैनेजर के अद्भुत क़िस्से सुनाई दिए, जो पास वाले शहर में ही रहते थे। उसने सुना कि कर्मचारी इस मैनेजर के साथ काम करना पसंद करते थे और वे मिलकर बेहतरीन परिणाम (Result) भी देते थे। जिज्ञासावश उसने इस ख़ास मैनेजर की सहायक (Secretary) को फ़ोन किया, ताकि अपॉइंटमेंट मिल सके। उसे हैरानी हुई, जब सहायक (Secretary) ने तुरंत मैनेजर से उसकी बात करा दी। युवक ने पूछा कि वह उनसे कब मिल सकता है, जिस पर मैनेजर ने कहा, “Week में कोई भी दिन अच्छा है, बस Wednesday सुबह को छोड़ दें। Time आप ख़ुद चुन लें।” युवक चकरा गया। भला ऐसा कौन सा मैनेजर होगा, जिसके पास इतना सारा ख़ाली Time मौजूद हो सकता है? लेकिन वह मंत्रमुग्ध भी था, इसलिए वह उनसे मिलने चल दिया।
“लोग इस मैनेजर को न्यू वन मिनट मैनेजर कहते हैं।” क्योंकि वह कम Time में बेहतरीन Result पाने के नए तरीक़े खोजते रहते हैं।”
युवक ने कहा “मैंने आपके बारे में बेहतरीन बातें सुनी हैं। मैं आपकी प्रबंधन (Management) शैली के बारे में ज़्यादा जानना चाहता हूँ।”इस पर मैनेजर ने कहा “अगर आप वाक़ई जानना चाहते हैं कि मैं किस क़िस्म का मैनेजर हूँ, तो आप हमारी टीम के कुछ लोगों से बात क्यों नहीं कर लेते हैं?” “ये उन छह लोगों के नाम और फ़ोन नंबर हैं, जो मेरे ठीक नीचे काम करते हैं।”
उन छह लोगों में तीन लोग इस सप्ताह बाहर रहने वाले हैं। लेकिन तीन आज यहाँ हैं। उन तीन लोगो से युवक मिला और तीन रहस्य को जाना जो इस प्रकार है :-
पहला रहस्य – एक मिनट के लक्ष्य
एक मिनट के लक्ष्य अच्छी तरह काम करते हैं, जब आप:
- मिलकर लक्ष्य बनाते हैं और उनका संक्षिप्त तथा स्पष्ट विवरण लिखते हैं। कर्मचारियों के सामने प्रदर्शित कर देते हैं कि अच्छा प्रदर्शन कैसा दिखता है।
- कर्मचारियों से कहते हैं कि वे अपने हर लक्ष्य को तारीख़ सहित एक पेज पर लिख लें।
- कर्मचारियों से हर दिन उनके सबसे महत्त्वपूर्ण लक्ष्यों की समीक्षा करने को कहते हैं, जिसे करने में सिर्फ़ चंद मिनट लगते हैं।
- कर्मचारियों को प्रोत्साहित करते हैं कि वे एक मिनट समय लगाकर देखें कि वे क्या कर रहे हैं और फिर यह भी देखें कि क्या उनका व्यवहार उनके लक्ष्यों से मेल खाता है।
- अगर यह मेल नहीं खाता है, तो जो वे कर रहे हैं, उसके बारे में उन्हें दोबारा सोचने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि वे अपने लक्ष्यों तक ज़्यादा जल्दी पहुँच सकें।
दूसरा रहस्य – एक मिनट की तारीफ़
एक मिनट की प्रशंसा तब काम करती है जब आप:
पहला आधा मिनट :
- कर्मचारियों की तुरंत प्रशंसा करते है।
- लोगों को बताते हैं कि उन्होंने क्या सही किया।
- लोगों को बताते हैं कि उन्होंने जो सही किया, उसके बारे में आप कितना अच्छा महसूस करते हैं और इससे कैसे मदद मिलती है।
- पलभर के लिए ठहरते हैं, ताकि लोग अपने अच्छे काम के बारे में अच्छा महसूस कर सकें।
दूसरा आधा मिनट :
- उन्हें ज़्यादा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
- यह स्पष्ट कर देते हैं कि आपको उन पर विश्वास है और आप उनकी सफलता का समर्थन करते हैं।
तीसरा रहस्य – एक मिनट की फटकार
यदि लक्ष्य स्पष्ट है, तो एक मिनट का पुनः मार्गदर्शन भलीभाँति काम करता है, जब आप:
पहला आधा मिनट :
- लोगों का पुनः मार्गदर्शन करें।
- पहले तथ्यों की पुष्टि करें, और फिर मिलकर ग़लती की समीक्षा करें।
- यह व्यक्त करें कि आप ग़लती के बारे में कैसा महसूस करते हैं और परिणामों पर इसका क्या प्रभाव होगा।
- पल भर के लिए ख़ामोश हो जाएँ, ताकि कर्मचारियों को अपनी ग़लती के बारे में चिंतित महसूस करने का समय मिल जाए।
दूसरा आधा मिनट :
- उन्हें यह बताने की याद रखें कि वे अपनी ग़लती से बेहतर हैं और आप इंसान के रूप में उनके बारे में अच्छा सोचते हैं।
- उन्हें याद दिलाएँ कि आपको उन पर विश्वास तथा भरोसा है और आप उनकी सफलता का समर्थन करते हैं।
वह युवक भी न्यू वन मिनट मैनेजर बन गया। ऐसा इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि उसने नए वन मिनट मैनेजर की तरह सोचा या बात की, बल्कि इसलिए हुआ, क्योंकि
- उसने उस तरह से नेतृत्व और प्रबंधन किया।
- उसने चीज़ों को आसान रखा।
- उसने एक मिनट के लक्ष्य तय किए।
- उसने एक मिनट की प्रशंसाएँ कीं।
- उसने एक मिनट के पुनः मार्गदर्शन दिए।
- उसने संक्षिप्त, महत्त्वपूर्ण सवाल पूछे; सरल सच्चाई बताई; हँसा, काम किया और आनंद लिया।