1% फ़ॉर्मूला (1% Formula) | The 1% Solution By Tom Connellan Book Summary In Hindi
1% फ़ॉर्मूला (1% Formula) | The 1% Solution By Tom Connellan Book Summary In Hindi |
💕Hello Friends,आपका स्वागत है learningforlife.cc में। शाम को केन ने अपना कंप्यूटर बंद किया और संतुष्टि से कुर्सी पर टिक गया। यह एक और शानदार दिन था, जिसमें उसने बेहतरीन काम किया था। उसकी नज़रें उस Award की ओर गईं, जिसे उसने कुछ time पहले ही फ़्रेम कराकर दीवार पर बाक़ी Awards के नज़दीक टाँगा था। उसने याद किया कि हर Award मिलते समय उसे कितना अच्छा लगा था – और उसके साथ मिलने वाले प्रमोशन तथा सम्मान भी। फिर उसने अपनी डेस्क पर अपने परिवार के फ़ोटो देखे। केन की Married life बेहतरीन थी, एक बेहतरीन महिला के साथ। वे एक दूसरे से प्रेम करते थे और मिलकर बहुत मज़े करते थे – और जब ज़िंदगी में मुश्किलें आती थीं, तो वे एक दूसरे को सहारा देते थे। जहाँ तक बेटे और बेटी की बात थी, उन पर केन को सबसे ज़्यादा गर्व था और उनके आस – पास रहने से हमेशा ख़ुशी मिलती थी। वह 100% ईमानदारी से कह सकता था कि वह एक ख़ुश इंसान था कि वह संसार के शिखर पर था।
लेकिन यह हमेशा ऐसा नहीं था… छह महीने पहले केन बड़े बुरे हाल में था। पुराने दिनों की याद आते ही उसके चेहरे की मुस्कान मिट गई। वह और उसकी wife ज़्यादातर समय एक दूसरे से झगड़ते रहते थे, एक दूसरे के दोष निकालते रहते थे। बच्चे भी बेअदब होते जा रहे थे और विद्रोही तेवर दिखा रहे थे; स्कूल में भी उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं था। अपनी job में केन बहुत नाख़ुश था। उसे अपनी job जोखिम में नज़र आती थी और हर दिन कम से कम दो सहकर्मियों से उसका झगड़ा हो जाता था। उसे ज़रा भी नहीं पता था कि वह इस बुरे हाल में कैसे पहुँचा। अपने friends, family और सहकर्मियों को देखने पर उसे अहसास हुआ कि वह अकेला ही नहीं था; दरअसल बहुत से लोग उतने ही बुरे हाल में थे। उनमें से किसी को भी यह नहीं पता था कि वह वहाँ कैसे पहुँचे। कुछ को तो यह अहसास भी नहीं था कि वे वहाँ थे। केन ने सोचा कि क्या जीवन का यही मतलब है, क्या ज़िंदगी ऐसी ही होती है। लेकिन दिल की गहराई में, किसी कोने में अब भी आशा की चिंगारी थी कि ज़्यादा हासिल करना, ज़्यादा बनना संभव है।
एक दिन केन अपने बेटे जैक के football match को देकने गया। जैक की टीम उस टीम के ख़िलाफ़ खेल रही थी, जिसने उन्हें पिछले साल हराया था। केन ने notice किया कि उसके बेटे की टीम ने ball पर अच्छी पकड़ बनाई हुई थी और पिछले साल के compare में अच्छा प्रदर्सन कर रहे थे। उनके team के coach जिम भी पिछले साल के compare में कुछ अलग दिख रहे थे। मैदान में खेलते लड़कों की तरह ही वे भी ज़्यादा प्रेरित, ज़्यादा एकाग्र नज़र आ रहे थे। उनके व्यक्तित्व में ऐसा कुछ था – उनके हाव-भाव में एक ऐसा आत्मविश्वास नज़र आ रहा था, जो पहले नहीं दिखता था।। जबकी जैक की टीम में बही पुराने लड़के थे और coach भी बही थे और दूसरी team में भी बही पुराने लड़के थे और उनका coach अब भी बही था। जब जैक की टीम जीत गई तब केन उनके टीम के coach जिम को बधाई देने के लिए गए और बातो ही बातो में केन ने जिम ने पूछ लिए कि आपकी टीम के जीत का क्या रहस्य है, आपकी टीम पहले से बेहतर कैसे हो गई और आप भी कुछ बदले बदले लग रहे है?
जिम ने कहा, “मेरा जीवन ठीक-ठाक चल रहा था। बेहतरीन नहीं, भयंकर नहीं, बस ठीक-ठाक। लेकिन मेरे अंदर यह कचोटने वाला भाव था कि मैं अपनी ज़िंदगी के साथ ज़्यादा कर सकता था।” 2002 के विंटर ओलिंपिक्स में पुरुषों की 5, 000 मीटर की रिले रेस चल रही थी। इसमें कनाडा ने 6 मिनट 51 सेकंड में gold medal जीता, जबकि अमेरिका 7 मिनट 30 सेकंड के साथ fourth आया – लगभग 2.9% का फ़र्क़। लेकिन क्या आप जानते हैं? second, third और fourth आने वाली सभी टीमें रेस में किसी न किसी बिंदु पर गिरी थीं। गिरने के बावजूद gold medal और कोई medal नहीं के बीच का अंतर सिर्फ़ 2.9% था।” “कई बार तो अंतर 1% से भी कम होता है। इससे मेरा यह मतलब है कि जब आप average निकालते है तो जीतने बाले और हरने बाले के बीच सिर्फ 1% का फर्क होता है। “मैं जानता था कि मैं चाहे जो कर लूँ, हमारी टीम बाक़ी टीमों की तुलना में 100% बेहतर कभी नहीं बन सकती। लेकिन 1% ? हम सभी सैकड़ों चीज़ों में 1% बेहतर तो बन ही सकते हैं।” हर कोई महान नहीं बन सकता, लेकिन हर कोई इस समय जहाँ भी है, उससे बेहतर ज़रूर बन सकता है।
केन ने कहा, “तो आप कह रहे हैं कि यह किसी भी करियर के लिए सच है? रीटेल, आईटी, फ़ाइनैंस, सेल्लिंग” जिम ने कहा, “आपके जीवन के हर उस पहलू के लिए भी, जिसे आप बेहतर बनाना चाहते हैं। यहाँ तक कि पारिवारिक जीवन को भी बेहतर बनाया जा सकता है।” जब मेरा जीवन ठीक-ठाक था तब “मेरे मित्र ने मेरा परिचय लोगों के एक अविश्वसनीय समूह से कराया, जिन्होंने उत्कृष्टता (excellence) हासिल करने में अपनी life लगा दी है। उनसे मिलकर मैं हैरान रह गया, क्योंकि यह पता चला कि वे पहले से ही उस सिद्धांत के अनुसार जी रहे थे, जिसे मैंने ओलिंपिक results के शोध में खोजा था।” “अब इस समूह में हम छह लोग हैं।”
“अगर आप अपनी life में change चाहते हों, तो मैं अपने समूह के बाक़ी लोगों से आग्रह करूँगा कि वे आपको उत्कृष्टता (excellence) हासिल करने के अपने रहस्य बताएँ। यह आसान नहीं होगा। आपको अपनी कुछ पुरानी habits छोड़नी होंगी, काम करने के पुराने तरीक़े बदलने होंगे और अपने तथा दूसरों के बारे में अपने कुछ विश्वास भी त्यागने होंगे। इसके अंत में आप रोमांच और उपलब्धि की संतुष्टि की अपेक्षा कर सकते हैं, लेकिन रास्ते में चुनौतियाँ आएँगी।”
केन बरी-बरी से 1% समूह के बाक़ी 5 लोगों से मिलता है और उत्कृष्टता (excellence) हासिल करने के रहस्यो के notes बना लेता है जो इस प्रकार है :-
1.प्रेरणा को बढ़ाने वाला विपरीत तरीक़ा
- Motivation बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीक़ा काम को बढ़ाना है।
- मैं किसी काम को जितना ज़्यादा करूँगा, उसे करने के लिए उतना ही ज़्यादा Motivated होऊँगा।
- शुरू करने का तरीक़ा काम करना है – भले ही यह कोई छोटा काम ही क्यों न हो।
- मेरे लक्ष्य स्पष्ट होने चाहिए।
- मुझे ऐसे काम चुनना चाहिए, जो मेरे लक्ष्य ( प्रभावकरिता )हासिल करने में मेरी मदद करें और फिर मुझे उनमें निपुण बनना चाहिए ( कार्यकुशलता)।
आप किसी काम को जितना ज़्यादा करते हैं, आप उसे करने के लिए उतने ही ज़्यादा Motivated होते हैं। इसलिए अगर आप ज़्यादा काम करेंगे, तो आपको ज़्यादा Motivation मिलेगा। यह ख़ुद को पोषण देने वाला सतत चक्र है!
2.निजी सफलता की भौतिकी : स्वयं को ज़्यादा शक्तिशाली कैसे बनाएँ
- काम करने से वह निष्क्रियता दूर होती है, जो आपको उसी जगह रोके रहती है।
- गति आपको चलायमान रखती है। (चूँकि न्यूटन का नियम कारगर है, इसलिए एक बार जब आप ख़ुद को गति में ले आते हैं, तो आप गति में ही बने रहेंगे।)
- सही लीवरेज आपके प्रयास की तुलना में ज़्यादा बड़े result देता है। (अगर हम अपने काम करने के तरीक़ में एक छोटा change कर दें, तो लीवरेज की शक्ति के कारण हमें ज़्यादा बड़े आकार के result मिल सकते हैं।)
- 20 / 80 सिद्धांत के कारण आपको अपने कामो में छोटे changes की तलाश करनी चाहिए, जो आपके results में बड़े changes उत्पन्न कर दें। (“इसे 20 / 80 सिद्धांत कहने से हमारा ध्यान वहाँ केंद्रित होता है, जहाँ इसे सचमुच केंद्रित होना चाहिए : हमें अपने कामो में उन छोटे changes पर ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत होती है, जो हमारे results में बड़े changes उत्पन्न करें।”)
- गति, लीवरेज व्यवहार और लहर प्रभाव संलग्नता की ओर ले जाते हैं।
3.अभ्यास निपुण क्यों नहीं बनाता है और इस बारे में क्या करें
- सर्वश्रेष्ठ में सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए 10, 000 hours के अच्छी तरह सोचेसमझे अभ्यास की ज़रुरत होती है। (30 years के experience वाले बहुत से लोगों के पास दरसल 30 years का experience नहीं होता। उनके पास तो 1 year का experience होता है, जिसे 30 times दोहराया गया है।)
- जो भी व्यक्ति अच्छी तरह सोचेसमझे अभ्यास में समय बिताता है, उसका प्रदर्शन बेहतर होता है।
- दैनिक कामों को अच्छी तरह सोचेसमझे अभ्यास में इस तरह बदलें: A)यह आकलन करें कि आप किसी काम को कितनी अच्छी तरह करते हैं और अगली बार कैसे बेहतर बना सकते हैं B)सृजनात्मक फ़ीडबैक लें C)ऐसे लक्ष्य बनाएँ, जो चुनौतीपूर्ण हों और दूसरों की मदद से हासिल किए जा सकते हों।
- अपनी तुलना दूसरों के बजाय ख़ुद से करें।
- आगे की योजना बनाएँ और लक्ष्य तय करें, लेकिन वर्तमान में अपना सर्वश्रेष्ठ करें।
4.30 दिन का फ़ॉर्मूला, जो आपकी ज़िंदगी बदल देगा
- 30 days तक हर दिन अपनी habit का अभ्यास करेंगे, तो यह automatic बन जाएगी।
- यही दूसरी habits के साथ भी करें, एक बार में एक।
- जागरुक रहें कि विश्वास ही यह तय करते हैं कि आप घटनाओं की प्रतिक्रिया में कैसा महसूस और कार्य करते हैं:
- अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए अपने negative विश्वासों को नए सिरे से ढालें।
- फिसलने को गिरने में न बदलने दें।
5.किस तरह कुछ न करने से आपको ज़्यादा करने में मदद मिलती है
- Concentrated प्रयास और काम पर लगाया हुआ स्वास्थ्य लाभ की अवधियों के साथ दैनिक Time table बनाएँ।
- Concentration से एक बार में 90 मिनट से ज़्यादा काम न करें और ऐसे दो Sessions के बीच rest Interval रखें।
- हर week rest के कम से कम 3 Intervals में 20 मिनट तक work out करें।
- दिन में 10 से 30 मिनट तक झपकी लें।
- रात को कम से कम 8 hours की नींद लें।
- Regular वैकेशन मनाएँ।
1% समूह के सदस्यों से सीखने के सत्र पूरे हो चुके थे। लेकिन केन को यह जानकर ख़ुशी हुई कि यात्रा का अंत यहीं नहीं हुआ। 1% फ़ॉर्मूले के सिद्धांतों ने केन की ज़िंदगी के हर पहलू में जड़ें जमा ली थीं और उसकी समझ हर दिन बढ़ रही थी। और केन 6 months के बाद बेसा हो गया जैसा पोस्ट के शुरुआत में बताया गया था। वह एक ख़ुश इंसान था कि वह संसार के शिखर पर था।
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