बड़ी सोच का बड़ा जादू | The Magic of Thinking Big By David J. Schwartz – बड़ा कैसे सोचें?

Badi Soch Ka Bada Jadoo | The Magic of Thinking Big – How To Think Big?
Badi Soch Ka Bada Jadoo | The Magic of Thinking Big By David J. Schwartz - बड़ा कैसे सोचें?
Badi Soch Ka Bada Jadoo | The Magic of Thinking Big By David J. Schwartz – बड़ा कैसे सोचें?
        💕Hello Friends,आपका स्वागत है learningforlife.cc में। Success के मामले में लोगों को इंच या पौंड के हिसाब से नहीं नापा जाता, न ही उन्हें कॉलेज की डिग्रियों से या पारिवारिक पृष्ठभूमि के पैमाने से नापा जाता है, उन्हें तो उनकी सोच के आकार से नापा जाता है। आप कितना बड़ा सोचते हैं, यही आपकी उपलब्धियों के आकार को तय करता है। तो इस पोस्ट में हम पड़ेगे कि किस तरह हम अपनी सोच को बड़ा कर सकते हैं और एक बेहतरीन life जी सकते है।

कभी आपने ख़ुद से यह question किया है, “मेरी सबसे बड़ी कमज़ोरी क्या है?” शायद इंसान की सबसे बड़ी कमज़ोरी ख़ुद का मूल्यांकन कम करने की होती है- यानी कि ख़ुद को सस्ते में बेचने की कमज़ोरी। For Example: जॉन news paper में एक नौकरी का ad देखता है। वह इसी तरह की नौकरी करना चाहता है। परंतु वह इसके लिए कोई कोशिश नहीं करता क्योंकि वह सोचता है, “मैं इस नौकरी के लिए पर्याप्त योग्य नहीं हूँ, इसलिए कोशिश करने की मेहनत क्यों करूँ ?” या जिम जोन के साथ Dating पर जाना चाहता है, परंतु वह उससे नहीं पूछता क्योंकि उसे लगता है कि वह तैयार नहीं होगी।

हज़ारों सालों से दार्शनिक हमें यह अच्छी सलाह देते आ रहे हैं ख़ुद को जानें। परंतु ज़्यादातर लोग इस सलाह का मतलब यह निकालते हैं कि ख़ुद के नकारात्मक पहलू को जानें। ज़्यादातर आत्म-मूल्यांकनों में लोग अपनी ग़लतियों, कमियों, अयोग्यताओं की लंबी सी मानसिक सूची बना लेते हैं। हमें अपनी कमियाँ पता हों, अच्छी बात है। इनसे हमें यह पता चलता है कि हमें इन क्षेत्रों में सुधार करना है। परंतु अगर हम सिर्फ़ अपने नकारात्मक पहलू को ही जान पाएँ तो हम परेशानी में फँस जाएँगे। हमारा मूल्य अपनी नज़रों में कम हो जाएगा।

यहाँ कुछ steps दिए जा रहे है जिससे आप अपने सच्चे आकार को नाप सकते हैं। Author ने इसे एक्ज़ीक्यूटिव्ज़ और सेल्स पर्सनेल के अपने Training programs में आज़माया है। यह वाक़ई काम करता है।

  1. अपने पाँच प्रमुख गुणों को तय करें। यह गुण Education, Experience, Technical योग्यता, संतुलित घरेलू जीवन, रवैया, व्यक्तित्व, लीडरशिप की योग्यता हो सकते है। किसी निष्पक्ष दोस्त की मदद लें – जैसे आपकी पत्नी, आपका सीनियर, आपका प्रोफ़ेसर – कोई समझदार व्यक्ति जो आपको सच्ची राय दे सके।
  2. हर गुण के सामने अपने उन तीन परिचित व्यक्तियों के नाम लिख लें जो बेहद सफल हैं परंतु उनमें यह गुण उतनी मात्रा में नहीं है, जितनी मात्रा में यह गुण आपमें है।

इस अभ्यास को पूरा कर लेने पर आप पाएँगे कि आप किसी न किसी बात में कई सफल लोगों से आगे हैं। ईमानदारी से आप एक ही निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं? आप जितना सोचते हैं, आप उससे बड़े हैं। इसलिए, आप अपनी सोच को भी अपने असली आकार के हिसाब से बना लें। उतना ही बड़ा सोचें जितने बड़े आप हैं! और कभी, ख़ुद को सस्ते में न बेचें!

जब आप बोलते हैं या लिखते हैं तो आप एक तरह से दूसरे लोगों के दिमाग़ में फ़िल्में दिखाने वाले प्रोजेक्टर का काम कर रहे हैं। और आप जिस तरह की फिल्म दिखाएँगे, सामने वाले पर आपका प्रभाव वैसा ही पड़ेगा। For Example: आप लोगों को यह बताते हैं, “मुझे यह बताते हुए दु:ख हो रहा है कि हम असफल हो गए हैं।” इस वाक्य में वे लोग हार, निराशा और दु:ख के चित्र देखेंगे, जो “असफल” शब्द में छुपे हुए हैं। इसके बजाय अगर आप कहते हैं, “यह रहा एक नया उपाय, जिससे हम सफल हो सकते हैं,” तो इससे उनका उत्साह बढ़ जाएगा और वे एक बार फिर कोशिश करने के लिए तैयार हो जाएँगे।

मान लीजिए आप कहते हैं, “हमारे सामने एक Problem है।” ऐसा कहने पर दूसरों के दिमाग़ में आप एक ऐसी तस्वीर बना देंगे जो सुलझाने में मुश्किल और अप्रिय होगी। इसके बजाय यह कहें, “हमारे सामने एक challenge है।” और इस वाक्य से आप एक ऐसी मानसिक तस्वीर बना देते हैं जिसमें आनंद है, खेल है, करने के लिए कुछ अच्छा है।

नीचे left hand के कॉलम में कुछ वाक्य दिए गए हैं जिनसे छोटे, नकारात्मक, निराशाजनक विचार उत्पन्न होते हैं। right hand के कॉलम में उसी परिस्थिति को बड़े, सकारात्मक अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है।

पढ़ते समय ख़ुद से पूछे, “मैं किस तरह के मानसिक चित्र देख रहा हूँ?”

बड़े चिंतक की शब्दावली विकसित करने के 5 तरीके़

1.अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए बड़े, सकारात्मक, आशावादी शब्दों और वाक्यों का प्रयोग करें।

जब कोई आपसे पूछता है, “आप आज कैसा महसूस कर रहे हैं?” और आप उसे जवाब देते हैं, “मैं थका हुआ हूँ (मुझे सिरदर्द है, काश कि आज शनिवार होता, मेरा आज बहुत बुरा हाल है)” तो आप अपनी स्थिति को अपने ही हाथों ख़राब कर रहे हैं। जब भी कोई आपसे पूछे, “आप कैसे हैं?” या “आप आज कैसा महसूस कर रहे हैं ?” तो जवाब में हमेशा कहें, “बहुत बढ़िया/धन्यवाद और आप कैसे हैं?” या कहें “बेहतरीन” या “शानदार ”। हर मौके पर कहें कि आप बढ़िया महसूस कर रहे हैं और आप सचमुच बढ़िया महसूस करने लगेंगे और ज़्यादा बड़ा भी।

2.दूसरे लोगों का वर्णन करते समय चमकीले, ख़ुशनुमा, सकारात्मक शब्दों और वाक्यों का प्रयोग करें।

जब आप किसी के साथ किसी तीसरे अनुपस्थित व्यक्ति के बारे में बात कर रहे हों, तो आप उसकी बड़े शब्दों में प्रशंसा करें, “हाँ, वह बढ़िया आदमी है।” “लोग कहते हैं उसका काम बहुत बढ़िया है।” इस बात का बहुत ध्यान रखें कि आप उसकी बुराई न करें या घटिया भाषा का इस्तेमाल न करें।

3.दूसरों का उत्साह बढ़ाने के लिए सकारात्मक भाषा का प्रयोग करें।

हर मौके पर लोगों की तारीफ़ करें। लोगों के हुलिए, उनके काम, उनकी उपलब्धियों, उनके परिवार की तारीफ़ करें।

4.दूसरों के सामने योजना प्रस्तुत करते समय सकारात्मक शब्दों का प्रयोग करें।

जब लोग इस तरह की बात सुनते हैं- “मैं आपको एक अच्छी ख़बर सुनाना चाहता हूँ। हमारे सामने एक सुनहरा अवसर है . . . ” तो उनके दिमाग़ में आशा जाग जाती है। परंतु जब वे इस तरह की कोई बात सुनते हैं, “चाहे आप इसे पसंद करें या न करें, हमें यह काम करना है,” तो दिमाग़ की फ़िल्म बोझिल, बोरिंग हो जाती है और वे भी इसी तरह के हो जाते हैं। जीत का वादा करें और उनकी आँखों में चमक आ जाएगी। जीत का वादा करें और आपको समर्थन हासिल हो जाएगा। महल बनाएँ, क़ब्र न खोदें!

5.बड़े चिंतक सिर्फ़ यही नहीं देखते कि क्या है, वे यह भी देख सकते हैं कि क्या हो सकता है।

इसे इस example से समझते है। रियल एस्टेट की क़ीमत कैसे बढ़ती है? एक बेहद सफल रिएल्टर, जो ग्रामीण इलाके की जायदाद का विशेषज्ञ है, का कहना है कि अगर हम भविष्य की कल्पना कर सकें, तो इससे हमें बहुत profit हो सकता है। जहाँ आज कुछ नहीं है, वहाँ कल क्या हो सकता है, इस बात की कल्पना करना हमें सीखना चाहिए।

इन 3 steps की मदद से आप अपनी संभावनाओं को देख सकते हैं। Author इन्हें “मूल्य बढ़ाने वाले अभ्यास” कहते है।

1.चीज़ों का मूल्य बढ़ाने का अभ्यास करें।

 रियल एस्टेट का उदाहरण याद करें। ख़ुद से पूछे, “किस तरह मैं इस कमरे या इस घर या इस बिज़नेस का मूल्य बढ़ा सकता हूँ ?” चीज़ों का मूल्य बढ़ाने के लिए विचार खोजें। कोई भी चीज़ चाहे वह ख़ाली प्लॉट हो, घर हो या बिज़नेस हो, उसका मूल्य वही होता है जो उसके प्रयोग के विचार में छुपा होता है।2.लोगों का मूल्य बढ़ाने का अभ्यास करें। 

जब आप सफलता की दुनिया में ऊपर और ऊपर जाएँगे तो आपके पास ज़्यादातर काम “लोगों का विकास” करना होगा। ख़ुद से पूछें, “मैं किस तरह अपने अधीनस्थों (Subordinates) का ‘मूल्य बढ़ा सकता हूँ ?‘ मैं किस तरह उन्हें ज़्यादा प्रभावी बना सकता हूँ ?” याद रखें, किसी व्यक्ति से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाने के लिए आपको उसकी सर्वश्रेष्ठ क्षमताओं की कल्पना करनी होती है।3.ख़ुद का मूल्य बढ़ाने का अभ्यास करें। 

ख़ुद के साथ हर रोज़ एक इंटरव्यू रखें। ख़ुद से पूछें, “आज मैं अपने आपको अधिक मूल्यवान बनाने के लिए क्या कर सकता हूँ?” अपने मूल्य की कल्पना अपने वर्तमान से न करें, इस बात से न करें कि आप आज क्या हैं, बल्कि अपने मूल्य की कल्पना अपने भविष्य से करें, इस बात से करें कि आप क्या बन सकते हैं। फिर उस संभावित मूल्य को हासिल करने के तरीके़ अपने आप आपके दिमाग़ में आ जाएँगे। कोशिश करके देखें।याद रखें, बड़ी सोच से हर तरह से फ़ायदा होता है!

  •  अपनी नौकरी के बारे में बड़ा दृष्टिकोण रखें। सोचें कि आपकी वर्तमान नौकरी महत्वपूर्ण है। आप अपनी वर्तमान नौकरी के बारे में क्या सोचते हैं इसी बात पर आपका अगला प्रमोशन निर्भर करता है।
  • छोटी-छोटी बातों से ऊपर उठे। अपने ध्यान को बड़े लक्ष्यों पर लगाएँ। छोटे मामलों में उलझने के बजाय ख़ुद से पूछें, “क्या यह सचमुच महत्वपूर्ण है?”
 बड़ा सोचकर बड़े बन जाएँ!
☝ यह Summary है “बड़ी सोच का बड़ा जादू (The Magic of Thinking Big) By David J. Schwartz book के एक chapter की। यदि detail में पढ़ना चाहते है तो इस book को यहां से खरीद सकते है 👇

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