क्या आप जीतना चाहते हैं? | Kya Aap Jeetna Chahte Hai? By Zig Ziglar and Tom Ziglar Book Summary In Hindi

Kya Aap Jeetna Chahte Hai? By Zig Ziglar and Tom Ziglar Book Summary In Hindi
क्या आप जीतना चाहते हैं? | Kya Aap Jeetna Chahte Hai? By Zig Ziglar and Tom Ziglar Book Summary In Hindi

Kya Aap Jeetna Chahte Hai? Book Summary In Hindi

💕Hello Friends,आपका स्वागत है learningforlife.cc में। हाल ही में मेने पढ़ी “क्या आप जीतना चाहते हैं?” जिसके author है Zig Ziglar और Tom Ziglar. हर कोई सफल होना चाहता है, हर कोई जितना चाहता है। जीत की राह मुसकुले से भरी होती लेकिन इस book के author ने इस राह को आसान बना दिया है। इस पोस्ट में जीत हासिल करने के तरीके दिए जा रहे जीने follow करके आप अपने लक्ष्य को पा सकेंगे।

1.जीत की चाह

हर इनसान में खास खूबियों का उपहार होता है और ये उपहार ही उसे वह ताकत और मौका प्रदान करते हैं, जिससे वह बड़ी चीजें हासिल कर पाता है, बशर्ते वह इन उपहारों का इस्तेमाल करना सीखे और उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ाए। अब आप कह सकते हैं, तो हर कोई क्यों नहीं बड़ी चीज हासिल कर लेता है?’ इसका जवाब बेहद आसान है। हर शख्स बड़ा बनना भी नहीं चाहता और बहुत से लोग, जो बड़ा बनना चाहते हैं, वे उस स्तर पर काम नहीं कर पाते, ताकि वे अपनी इच्छा को हकीकत में बदल सकें। ग्रीन बे पैकर्स ( Green Bay Packers) के महान् coach विंस लोबार्डी (Vince Lombardi) ने उचित ही कहा है, ‘‘जीतना ही सबकुछ नहीं होता, बल्कि जीत की चाह बड़ी चीज होती है।’’ सामान्य सी सच्चाई यह है कि कुछ करने से पहले आपके अंदर उसे लेकर तड़प या बेचैनी महसूस होनी चाहिए। अगर आप में वह काम करने की बेचैनी नहीं तो आप न तो उस काम के लिए योजना बनाएँगे और न ही उसे कर दिखाने के लिए तैयार हो सकेंगे।

आप जहाँ हैं, फिलहाल वहाँ से ही शुरुआत कर सकते हैं और आपके पास जो कुछ भी है, उसी से आगे बढ़ सकते हैं और जहाँ चाहें, पहुँच सकते हैं।

2.जीत की शुरुआत

ज्यादातर लोगो की कुछ उम्मीदें, सपने और जीवन के प्रति महत्त्वाकांक्षाएँ होती हैं। हममें से हर एक अंदर यह इच्छा होती है कि वह दूसरों की अपेक्षा अलग नजर आए। ज्यादातर लोग स्वास्थ्य, खुशहाली, खुशी, मित्रता, शांति और सुरक्षा की ख्वाहिश रखते हैं।

जीत की शुरुआत करने से पहले हमें पता होना चाहिए कि सफलता क्या चीज है और क्या नहीं? ज्यादातर लोग सोचते हैं कि ताकत या पहचान या पैसे बनाने और भौतिक चीजों को इकट्ठा करने को ही सफलता कहा जाता है। सच्ची सफलता में एक वाक्य या एक विचार से कहीं ज्यादा तत्त्व शामिल होते हैं। वर्षों तक Author ने इस ग्राफिक का use करके, लोगों को समझाया कि कहाँ वे पहले से सफल हैं और कहाँ उन्हें सफल होने के लिए मदद की जरूरत है। Author इसे ‘जीवन चक्र’ कहते है।

        इस चक्र की सात तीलियों में जीवन के खास क्षेत्र दरशाए गए हैं। भौतिक, पारिवारिक, मानसिक, वित्तीय, निजी, आध्यात्मिक, पेशा (profession)। जब कोई इन सातो क्षेत्र में सफल होता है तो उसे सही मायने में सफलता कह सकते है। लेकिन सफलता की नींव तैयार करने के लिए छह गुण होने जरूरी हैं। ये छह गुण हैं—ईमानदारी, चरित्र, वफ़ादारी, समर्पण, प्रेम और निष्ठा। ये सभी नींव के पत्थर जीवन-चक्र का सृजन करने के लिए बेहद जरूरी हैं, जो इसे संतुलित बनाएँगे और विशेष प्रकार की सफलता दिलाएँगे।        जो लोग इन सिद्धांतों में से किसी भी एक के साथ समझौता करते हैं, वे अपनी जिंदगी में आगे नहीं बढ़ पाते और महज भिखारी की तरह ही चीजें पाते हैं, जो कि जिंदगी उन्हें प्रदान करती है।

आपको शुरुआत करने के लिए महान् होना जरूरी नहीं है, बल्कि आपको बड़ा बनने के लिए शुरुआत करना जरूरी है।

3.जानिए, क्या चाहते हैं आप

American Businessman, author और motivational speaker जिम रोन (Jim roan) कहते हैं,

यह महत्त्वपूर्ण नहीं है कि हवा किस ओर बह रही है, बल्कि हमने अपनी नाव के पाल किस तरह लगा रखे हैं, उससे फर्क पड़ता है।

आप जीतने के लिए पैदा हुए हैं; लेकिन विजेता आप तभी बनेंगे, जब मंजिल तक पहुँचने की आपकी योजना बिल्कुल स्पष्ट हो। इसका मतलब यह कि जिस चीज का पीछा आप कर रहे हैं, वह चुनिंदा लक्ष्यों में होना चाहिए।

4.लक्ष्य तय करने के छह कारण

1.लक्ष्य भविष्य को वर्तमान में उतार लाते हैं और वर्तमान ही वह समय होता है, जब हम काम करते हैं। लक्ष्य बनाने से यह संभव हो पाता है कि जिस भविष्य की हम कामना करते हैं, उसके सिलसिले में आज कुछ कर पाते हैं।

2.अगर आप अपने समय को योजनाबद्ध नहीं करते हैं तो कोई दूसरा इसे बरबाद करने में आपकी मदद करने लगेगा।
3.लोग छुट्टी पर जाने से एक दिन पहले दोगुना काम करके जाते हैं, क्योंकि उन्होंने उसी तरह योजना बना रखी होती है और उसी के अनुरूप वे प्राथमिकता तय कर काम करते हैं।4.लक्ष्य बनानेवाले ज्यादा पैसा कमाते हैं, बजाय उनके, जो लक्ष्य नहीं बनाते।

5.लक्ष्य बनांने से आपका ध्यान उन चीजों पर केंद्रित रहता है, जो वाकई अंतर पैदा करती हैं और आपको उन चीजों पर Time waste करने से बचाती हैं, जिनकी कोई value नहीं हैं। लक्ष्य बनाने से आप बेमतलब भटकने की बजाय ठोस चीजें करने के लिए motivate होंगे।

6.लक्ष्य बनाने से आप जो करते हैं, वह उसी दिशा और उद्देश्य को लेकर होता है। लक्ष्य ही वह कड़ी होता है, जो आपकी गतिविधि को प्राप्ति तक लेकर जाता है।

लक्ष्य बनाना और उसके अनुसार दिशा तय करके चलना कहीं ज्यादा बेहतर है, बजाय कि लक्ष्य न बनाने और भ्रम में इधर-उधर भटकने के।

5.यह जानिए कि कहाँ जा रहे हैं आप

एक युवा couple गाँव की सड़क पर भटक गया। रास्ते में उन्हें एक किसान मिला तो उन्होंने कार रोकी और उससे पूछा, ‘‘श्रीमान, क्या आप बता सकते हैं कि यह सड़क कहाँ जाएगी?’’ उस किसान ने जवाब दिया, ‘‘बेटा, यह सड़क आपको दुनिया में कहीं भी ले जा सकती है, जहाँ आप चाहें, बशर्ते आप सही दिशा में आगे बढ़ रहे हों।’’

        इस छोटी सी कहानी में बड़े अर्थ छिपे हैं। आप चाहे जहाँ से भी हों, आप जहाँ चाहे वहाँ जा सकते हैं, अगर आप सफर के लिए सही सड़क पकड़ते हैं। अपने जीवन में आप जिस राह से गुजरने का चयन करते हैं और उस पर चलने का तय करते हैं, वह पूरी तरह आपके जीवन के लक्ष्य से निर्धारित होता है। लेकिन मूल बात यह है कि आप उचित राह चुनते हैं या नहीं।

6.लक्ष्य-निर्धारण के सात कदम

1.लक्ष्य की पहचान

अगर आप अपना लक्ष्य पहचान नहीं पाए तो आप उसे हासिल भी नहीं कर पाएँगे। जब आप लक्ष्य की पहचान कर लेते हैं तो इसका मतलब है कि आपने उसे कागज पर उतार लिया है और उसका स्पष्ट रूप से विश्लेषण कर लिया है। कोई भी हवा-हवाई लक्ष्य न बनाएँ।

2.फायदों की सूची बनाएँ : मेरे लिए उसमें क्या है?

एक बार जब आप अपने लक्ष्य की पहचान कर लेते हैं तो आपको उसमें निहित फायदों की सूची बनाने की जरूरत होती है, जिन्हें आप तब हासिल करेंगे जब अपने लक्ष्य पर पहुँच जाएँगे। हम केवल वे ही चीजें करना पसंद करते हैं, जिन्हें हम करना चाहते हैं। अगर उसमें निजी लाभ समाहित न हों तो लक्ष्य को पूरा करने के लिए जरूरी motivation नहीं मिलेगा और लक्ष्य खो जाएगा।

3.उन बाधाओं की सूची, जिन पर काबू पाना है

जैसे-जैसे आप अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते जाएँगे, जीवन में उतार-चढ़ाव भी बढ़ेंगे। उनमें से ज्यादातर के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है और अगर आप किसी चीज का पहले से अनुमान लगाते हैं तो आप उससे निपटने के लिए पहले से तैयारी भी कर पाते हैं। इसलिए उनके बारे में सोचना शुरू करिए और उनकी एक सूची बना लीजिए, जो आपको सफल होने से रोकती हैं। आप चाहें तो अपने किसी भरोसेमंद, परखे हुए मित्र की भी इस काम में मदद ले सकते हैं।

4.जिस कौशल और ज्ञान की जरूरत है, उसकी सूची बनाएँ

ज्ञान से हमें वह ताकत मिलती है, जिससे हम तमाम कामों को पूरा कर पाते हैं, जो किसी अन्य तरीके से होना संभव ही नहीं था; और कौशल होने से हमें अपने ज्ञान का अतिरिक्त लाभ मिल पाता है। जानने और करने के बीच सीधा संबंध है और सफलतापूर्वक अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए इनकी बेहद आवश्यकता होती है।

5.उन लोगों या समूह की पहचान करें, जिनके साथ काम कर सकते हैं
हम तब बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं, जब हमें दूसरों की भी मदद मिल जाती है। वे अपने ज्ञान और कौशल से हमारी मदद कर सकते हैं और हमारी सफलता के लिए हमें कीमती सलाह भी दे सकते हैं।

6.कार्य-योजना तैयार करें

यह सबसे जरुरी कदम है और इसमें आपकी उस सोच का विस्तृत स्वरूप शामिल होगा, जो आपने लक्ष्य हासिल करने के लिए बना रखा है। सफलता आपसे चालाकी से बच निकलेगी, अगर आप अच्छी तरह से विस्तृत योजना बनाकर हर दिन उस पर काम न करे। इस मामले में, लक्ष्य तक पहुँचने से दुनिया नहीं बदलने वाली है, लेकिन निश्चित रूप से इससे आपकी दुनिया तो बदल ही जाएगी।

7.उपलब्धि के लिए समय सीमा निर्धारित करें

लक्ष्य को प्रभावी तरीके से पूरा होने के लिए एक निर्धारित अवधि की जरूरत होती है। अगर आप अपना लक्ष्य पाने के लिए समय सीमा निर्धारित नहीं करते हैं तो आप अपने या किसी अन्य के प्रति जवाबदेह नहीं बन पाएँगे। अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति जवाबदेह नहीं बनेंगे तो आप उसे हासिल भी नहीं कर पाएँगे।

कुछ लक्ष्य पूरा होने के लिए निजी बलिदान चाहते हैं और उसके साथ ही बड़ा समर्पण एवं ढेर सारा प्रयास भी करना होता है। ☝ यह summary है “क्या आप जीतना चाहते हैं?” by Zig Ziglar and Tom Ziglar Book की। यदि detail में पढ़ना चाहते है तो इस Book को यहां से खरीद सकते है:- 👇

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