Rich Dad’s Cashflow Quadrant – निवेशकों के सात स्तर By Robert Kiyosaki In Hindi

Seven Levels Of Investors By Robert Kiyosaki
Rich Dad's Cashflow Quadrant - Seven Levels Of Investors by Robert Kiyosaki In Hindi
निवेशकों के सात स्तर By Robert Kiyosaki
        💕Hello Friends,आपका स्वागत है learningforlife.cc में। इस पोस्ट में Cashflow Quadrant book से निवेशकों के सात स्तर दिए जा रहे है। जब आप इन स्तरों के बारे में जानेगे, तो शायद आप खुद का और अपने परिचित लोगों का स्तर पहचान ले। जिससे आज आप जिस स्तर पर है उससे ऊपर के स्तर पर पहुंच सके या यदि आपने कभी निवेश किया ही नहीं, तो यह समझ सके कि आपको किस स्तर का निवेशक बनना है और किस स्तर का नहीं।

स्तर 0: जिनके पास निवेश करने के लिए कुछ नहीं है

इन लोगों के पास निवेश करने के लिए धन नहीं होता। वे जितना कमाते हैं, उतना ख़र्च कर देते हैं। कई बार तो वे अपनी आमदनी से भी अधिक ख़र्च कर देते हैं। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि 50 प्रतिशत वयस्क इसी category में आते हैं।

स्तर 1: कर्ज़ लेने वाले

ये लोग उधार लेकर अपनी वित्तीय समस्याएँ (Financial problems) सुलझाते हैं। अक्सर वे उधार लिए धन से निवेश भी करते हैं। उनकी Financial Planning इस तरह होती है कि वे एक से उधार लेकर दूसरे की उधारी चुकाते हैं। हालाँकि उनके पास कुछ संपत्तियाँ हो सकती हैं, परंतु हक़ीक़त यह है कि उन पर बहुत ज़्यादा कर्ज़ होता है। अधिकांश मामलों में वे धन और ख़र्च की आदतों के बारे में सचेत नहीं होते। उनकी हर मूल्यवान वस्तु के साथ कर्ज़ जुड़ा होता है। वे भावना में बहकर क्रेडिट कार्ड का अंधाधुंध प्रयोग करते हैं। वे सोचते हैं कि कर्ज़ को लंबे समय तक चलाते रहना स्मार्ट तरीक़ा है। वे हमेशा ख़ुद को बहलाते रहते हैं कि वे. ज़्यादा कड़ी मेहनत करेंगे और किसी दिन अपना सारा कर्ज़ उतार देंगे।

स्तर 2 : बचत करने वाले

ये लोग नियमित रूप से धन की “छोटी” मात्रा जमा करते हैं। उनका धन किसी कम जोखिम और कम ब्याज वाले साधन में जमा होता है, जैसे Money-market checking account, Savings account या Certificate of deposit (CD). अक्सर वे निवेश करने के बजाय बड़ा सामान ख़रीदने के लिए बचत करते हैं (जैसे नया टी.वी., कार, छुट्टियाँ मनाने आदि)। वे नक़द भुगतान करने में विश्वास करते हैं। वे उधारी और कर्ज़ से डरते हैं। इसके बजाय वे बैंक में धन जमा होने की “सुरक्षा” को ज़्यादा पसंद करते हैं।

स्तर 3: “स्मार्ट” निवेशक

        “स्मार्ट” निवेशक शिक्षित और बुद्धिमान लोग हैं। हालाँकि, जब निवेश की बात आती है, तो वे अक्सर अशिक्षित होते हैं। इस समूह में तीन तरह के निवेशक होते हैं।

स्तर 3–ए: इस स्तर के लोगों का समूह कहता है, “मुझे तंग मत करो।” उन्होंने ख़ुद को विश्वास दिला दिया है कि वे धन के बारे नहीं समझते हैं और कभी समझ भी नहीं पाएँगे।स्तर 3–बी: यह category “दोषदर्शी” की है। ये लोग वे सारे कारण जानते हैं कि कोई निवेश सफल क्यों नहीं होगा। ऐसे लोगों का आसपास रहना ख़तरनाक है। उनसे किसी शेयर या निवेश के बारे में राय लेने के बाद जब आप लौटते हैं, तो आपका बुरा हाल होता है और आप अक्सर शंका या डर से भरे होते हैं। ये लोग आम तौर पर इन शब्दों को बार-बार दोहराते हैं, “देखिए, मैं एक बार पहले ही मूर्ख बन चुका हूँ। अब वे लोग मुझे मूर्ख नहीं बना सकते।”

स्तर 3-सी: इस category में “जुआरी” आते हैं। व्यावसायिक ट्रेडर्स (Professional traders) इस समूह को “Pigs” (सुअर) कहते हैं। परंतु जहाँ “दोषदर्शी” ज़रूरत से. ज़्यादा सावधान रहते हैं, वहीं ये लोग ज्यादा सावधान नहीं रहते। वे स्टॉक मार्केट या निवेश के किसी भी बाज़ार की तरफ़ उसी तरह देखते हैं, जिस तरह वे लास वेगास की जुए की टेबल को देखते हैं। यह सिर्फ़ क़िस्मत की बात है। पाँसे फेंको और दुआ करो। वे निवेश के “रहस्य” या “अलादीन के चिराग” की खोज में रहते हैं। वे हमेशा निवेश करने के नए और रोमांचक तरीक़ों की तलाश में रहते हैं। लंबे समय की मेहनत, अध्ययन और समझ के बजाय वे “टिप्स” या “शॉर्टकट” के रास्ते पर चलना पसंद करते हैं।

        ये लोग इस दुनिया के सबसे बुरे निवेशक होते हैं। वे हमेशा “छक्का मारने” की कोशिश में रहते हैं। आम तौर पर वे “क्लीन बोल्ड” हो जाते हैं। जब उनसे पूछा जाता है कि उनके निवेश की क्या स्थिति है, तो वे हमेशा यह कहते हैं कि वे “लगभग बराबर” या “थोड़े फ़ायदे में” हैं। जबकि सच्चाई यह होती है कि उन्होंने अपना धन गँवा दिया है। इस क़िस्म के निवेशक 90 प्रतिशत से ज़्यादा बार धन गँवाते हैं। वे कभी अपने नुक़सानों पर चर्चा नहीं करते। उन्हें तो वह “ फ़ायदेमंद सौदा” ही याद रहता है, जो उन्होंने छह साल पहले किया था। वे सोचते हैं कि वे उस सौदे में स्मार्ट थे। वे यह नहीं समझ पाते कि वे सिर्फ़ ख़ुशक़िस्मत थे। उन्हें लगता है कि सिर्फ़ “एक बड़ा सौदा” हाथ लग जाए, तो उनकी राह आसान हो जाएगी। समाज इस व्यक्ति को “लाइलाज जुआरी” कहता है। गहराई में देखा जाए, तो जब धन का निवेश करने की बात आती है, तो ये लोग सिर्फ़ आलसी होते हैं।

स्तर 4: दीर्घकालीन निवेशक (Long term investor)

ये निवेशक निवेश करने की आवश्यकता के बारे में काफ़ी जागरूक होते हैं। वे अपने ख़ुद के निवेश के Decision लेने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। उनके Financial Goal स्पष्ट होते हैं और उन Goals तक पहुँचने के लिए उनके पास एक दीर्घकालीन (Long term) योजना होती है। वे निवेश ख़रीदने से पहले अपनी शिक्षा में निवेश करते हैं। वे निरंतर निवेश का लाभ लेते हैं और निवेश करते समय जहां तक संभव हो वे टैक्स का लाभ भी ले लेते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वे योग्य वित्तीय योजनाकारों (Qualified financial planners) से सलाह लेते हैं। अगर आप अब तक दीर्घकालीन निवेशक नहीं बन पाए हैं तो अपने ख़र्च की Habits पर Control करें, अपने कर्ज़ और दायित्वों (liability) को कम से कम कर लें। अपनी आमदनी के भीतर ख़र्च करें और फिर अपनी आमदनी बढ़ा लें।

स्तर 5: परिष्कृत निवेशक (Sophisticated Investors)

        ये निवेशक अधिक आक्रामक या ख़तरनाक निवेश रणनीतियाँ खोजने का “जोखिम मोल” ले सकते हैं। क्यों? क्योंकि उनकी धन संबंधी आदतें अच्छी होती हैं, उनके धन की ठोस नींव होती है और वे निवेश में निपुण भी होते हैं। वे इस खेल में नए नहीं होते। उनके Effort focused होते हैं। नियमित रूप से जीतने का उनका एक लंबा रिकॉर्ड होता है और वे कई नुक़सान भी झेल चुके होते हैं, जिससे उन्हें वह समझदारी हासिल होती है, जो सिर्फ़ ग़लतियाँ करने और उनसे सीखने से मिलती है।

स्तर 6: पूँजीपति (Capitalists)

        दुनिया में बहुत कम लोग इस स्तर के निवेश उत्कृष्टता (excellence) तक पहुँचते हैं। अमेरिका में एक प्रतिशत से भी कम व्यक्ति सच्चे पूँजीपति होते हैं। पूँजीपति आम तौर पर उत्कृष्ट “बी” और “आई” होते हैं, क्योंकि वे अपना बिज़नेस यानी कंपनी भी बना सकते हैं और साथ ही निवेश अवसर भी तैयार कर सकते हैं। पूँजीपति का उद्देश्य दूसरे लोगों के धन, प्रतिभाओं और समय का सिनर्जिस्टिक (Synergistic) उपयोग करके अधिक धन कमाना है। अक्सर वे “मूवर्स एंड शेकर्स” होते हैं, जो अमेरिका और अन्य सशक्त देशों को महान आर्थिक शक्तियाँ बनाते हैं। वे केनेडी, रॉकफ़ेलर, फ़ोर्ड, जे. पॉल जेटी और रॉस पेरॉट जैसे लोग होते हैं। पूँजीपति ही वह धन उपलब्ध कराते हैं, जिससे नौकरियाँ, व्यवसाय और वे वस्तुएँ निर्मित होती हैं, जो किसी देश को समृद्ध बनाती हैं।

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