24 Lessons for Working Together Successfully
सफल टीम कैसे बनाएँ | Making Teams Work By Michael Maginn Book Summary In Hindi |
💕Hello Friends,आपका स्वागत है learningforlife.cc में। बिज़नेस की दुनिया में अकेला कौन सफल हो सकता है? हमें ऐसे सहकर्मियों और सहयोगियों की ज़रूरत होती है, जो किसी Common goal को हासिल करने के लिए अपनी प्रतिभा, Creativity, Energy, Inspiration और सहयोग प्रदान करते हैं। आज बेहतर काम करने के लिए टीम वर्क को एक सफल तरीक़ा माना गया है। यदि आप network marketing या किसी ऐसे बिज़नेस में है जहा टीम वर्क की आवश्कता होती है तो यह पोस्ट आपके लिए ही है। इस पोस्ट में “सफल टीम कैसे बनाएँ” By Michael Maginn Book से 24 Lessons दिए जा रहे है जिनकी मदद से टीम की क्षमताओं को निखारा जा सकता है और Goal को जल्दी achieve किया जा सकता है।
सामूहिक प्रयत्नों के लिए, व्यक्तिगत प्रतिबद्धता – यही टीम वर्क, कंपनी कार्य, सामाजिक कार्य और सभ्यता कार्य का निर्माण करती है।
1.टीम के स्पष्ट लक्ष्य बनाएँ
लक्ष्य के बिना टीम उस जहाज़ की तरह होती है, जिसकी कोई मंज़िल ही न हो। हर टीम को एक ठोस और स्पष्ट लक्ष्य की ज़रूरत होती है। यह लक्ष्य ऐसा होना चाहिए, जिसे हासिल करना संभव हो। लक्ष्य बताता है कि टीम को क्या हासिल करना है। लक्ष्य से ही प्रेरणा मिलती है और लक्ष्य ही प्रयासों तथा निर्णयों का आधार होता है।
सिर्फ योजना के द्वारा ही हम अपने लक्ष्यों तक पहुँच सकते हैं। हमें अपनी योजना में प्रबल विश्वास होना चाहिए और हमें इसके अनुरूप तीव्रता से कार्य करना चाहिए। सफलता पाने का इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है।
2.टीम के सदस्यों की योग्यताएँ और ज़िम्मेदारियाँ स्पष्ट करें
टीम का प्रत्येक सदस्य एक खिलाड़ी की तरह होता है, जो लक्ष्य के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी पूरी तरह निभाता है। टीम के सदस्यों के बीच सहयोग भरा माहौल बनाने की भी ज़रूरत होती है। एक ऐसा माहौल, जहाँ मज़ाक उड़ने के डर के बिना बेझिझक अपने विचारों को बताया जा सके, उनका विकल्प तैयार किया जाए और रचनात्मक चर्चा हो। ये सहयोगी विचार ही टीम वर्क का सार है।
टीम के सदस्यों को इस तरह तैयार करें:
- टीम को मूलभूत गुण सिखाने के लिए प्रत्येक सदस्य को आवश्यक मार्गदर्शन और अभ्यास की परिस्थितियाँ उपलब्ध कराएँ।
- टीम के सदस्यों को ये गुण अपनाने के लिए पर्याप्त समय दें।
- टीम के मूलभूत गुणों को किसी Trainer के मार्गदर्शन में ही सीखा जा सकता है। ऐसे में किसी specialist को अपनी टीम की meetings में बुलाएँ और उसे निरीक्षण करने तथा हर एक सदस्य को निजी रूप से सलाह देने को कहें।
साथ जुड़ना शुरुआत है, साथ रहना प्रगति है, और साथ काम करना सफलता है।
3.नियम बनाने के लिए समय निकाले
आमतौर पर टीमें अपनी पहली ही meeting में काम में जुट जाती हैं और यहीं पर वे सबसे बड़ी गलती कर बैठती हैं। टीम को सबसे पहले वह करना चाहिए, जो लक्ष्य पाने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी हो। हर टीम के लिए सबसे पहले यह निश्चित करना ज़रूरी होता है कि साथ काम कैसे किया जाए। टीम की बेहतरी के लिए नियम बनाना जरुरी है क्योकि नियमो के बिना Progress संदिग्ध हो सकती है।
- दुनिया के सभी देशों को चलाने के लिए संविधान है, तो फिर आपकी टीम के लिए क्यों नहीं ? संविधान नियमों, नीतियों, सिद्धांतों और जीवनमूल्यों को स्थापित करता है।
- सबसे पहले यह सोचें कि आप टीम को किस तरह आगे बढ़ाना चाहते हैं। अपने इन विचारों को नियमों का रूप दें।
- टीम के सदस्यों से पूछे कि वे टीम से किस तरह के अनुभव चाहते हैं और अपेक्षा रखते हैं। सदस्यों के यही विचार वे जीवनमूल्य हैं, जिसका इस्तेमाल आप टीम के नियम बनाने में कर सकते हैं।
मैंने जितनी भी समस्याएँ सुलझाई हैं, वे नियम बन गई हैं। बाद में ये नियम दूसरी समस्याएँ सुलझाने के काम आएँ हैं।
4.भावी समस्याओं से बचे
क्या आप याद कर सकते हैं कि किसी टीम में रहते हुए आपकी उसमें न रहने की इच्छा हुई हो। ऐसा सबके साथ होता है। टीम के सदस्यों को लगता है कि वे अपना समय बर्बाद कर रहे है और वे meetings में आना बंद कर देते है। यह इन समस्याओं की वजह से हो सकता है:
- महत्वपूर्ण लोग टीम में शामिल नहीं किए गए हैं
- टीम की बैठकों में अनुशासनहीनता है
- लंबी, ख्रत्म न होने वाली चर्चाएँ होना
- हावी होने वाले सदस्य
इससे पहले कि जटिल और भावी समस्याएँ आपकी टीम को अचरज में डाल दें, इनसे निपटने के लिए ये नुस्खे अपनाएँ:
- कुछ समस्याएँ जानी-पहचानी होती हैं और इन्हें पहले ही पहचाना जा सकता है। इन समस्याओं के solve होने की उम्मीद करें और अपनी टीम को अनोखी टीम न मानें यदि वह ऐसा कर दिखाए।
- इन समस्याओं का solution यह बताता है कि टीम पूरी क्षमता से, संगठित और उत्पादक होकर आगे बढ़ना चाहती है। इसीलिए इन समस्याओं को अनसुलझा न छोड़े।
- टीम के प्रत्येक सदस्य की यह ज़िम्मेदारी होती है कि वह इस तरह की समस्याओं को टीम की प्रगति में बाधा न बनने दे।
समस्या को अच्छी तरह से समझना, उसका आधा समाधान है।
5.टीम के संविधान का उपयोग करें
कोई टीम मिलकर काम कैसे करना चाहती है, यह वर्णन सिर्फ टीम के संविधान द्वारा ही किया जा सकता है।
टीम संविधान को एक जीवंत दस्तावेज़ बनाएँ :
- टीम का संविधान बताता है कि टीम किस तरह काम करना चाहती है। इसके बारे में बात करने में समय लगाएँ।
- याद रखें, जैसे-जैसे टीम अपना काम करती जाती है, नई और अनजान समस्याएँ उभरने लगेंगी। यह इस बात का संकेत है कि अब संविधान को बदलने का समय आ गया है।
- जब संविधान लिखा हुआ होता है, तो टीम उसे ज्यादा गंभीरता से लेती है। टीम संविधान को वालेट कार्ड, पोस्टर, स्टीकर या कर्मचारियों के परिचय पत्र के पीछे लगाया जा सकता है।
सफलता रोज़मर्रा प्रयोग में लाए जाने वाले कुछ सहज अनुशासनों से ज्यादा नहीं है।
6.नए साथियों को जानकारी दें
मान ले कि किसी टीम में शामिल हुई नई सदस्य कहती है – “मुझे समझ में नहीं आता कि ऐसा निर्णय कैसे लिया गया। यह काफ़ी पिछड़ा हुआ निर्णय है। मैं शर्तिया कह सकती हूँ कि इसे लागू करने का तरीक़ा बदलना पड़ेगा।” वह ऐसा इसलिए कह रही है क्योकि उसे किसी ने भी टीम के नियम नहीं बताए।
टीम के संचालन को प्रभावी बनाने के लिए :
- प्रत्येक टीम अनूठी होती है और उसके काम करने का अपना तरीक़ा होता है। नए सदस्यों को इसे समझने की ज़रूरत होती है।
- नए सदस्यों को बताएँ कि meeting का एजेंडा क्या होता है।
- पहली बैठक के बाद टीम लीडर या अनुभवी सदस्य नए सदस्य को विस्तृत जानकारी दें।
अगर हमारा मस्तिष्क तैयार है, तो सभी चीजें तैयार हो जाएँगी।
7.सहयोग करें, सहयोग करें,सहयोग करें
टीम के उल्लेखनीय लाभों में से एक है सहयोग की शक्ति। जब कई लोग समस्या पर एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो उनके अलग-अलग नज़रिए, समझ, अलग-अलग लक्ष्य और ज्ञान मिलकर बेहतर समाधान खोज लेते हैं।
- अगर सभी सदस्य एक-दूसरे की अलग-अलग पृष्ठभूमि और रुचियों से परिचित होंगे, तो किसी असामान्य समस्या के अनुरूप योग्य व्यक्ति को मदद के लिए बुलाना आसान होगा। इसलिए टीम के सदस्यों की पृष्ठभूमि एवं रुचि के अंतर को उभारें।
- सहयोग के गुणों का अभ्यास करें जैसे अपनी टीम को दो मिनट में एक पेपर क्लिप के कई उपयोग बताने के लिए कहें या अपनी कंपनी के लिए एक नया लोगो डिज़ाइन करने को कहें।
- एक अच्छी टीम में ऐसा माहौल होना चाहिए, जहाँ सदस्य अपने आधे-अधूरे विचारों को भी बेहिचक पेश कर सकें, क्योंकि भले ही शुरुआत में ये विचार बेमतलब लगते हों, पर आगे चलकर यही एक चिंगारी साबित हो सकते हैं।
हममें से कोई अकेले उतना स्मार्ट नहीं हो सकता, जितना कि हम सभी मिलकर हो सकते हैं।
8.जीवन में नए विचार लाएँ
लोगों के पास हमेशा अच्छे विचार होते हैं, जो कभी-कभी रचनात्मक और अनुठे होते हैं।
- अगर लोगों को यह मालूम हो कि कुछ अलग और रोचक हल स्वीकार कर लिए जाएँगे, तो वे समस्याओं का जवाब रचनात्मक विचारों से देंगे।
- एक टीम में सहयोग की भावना और रचनात्मक विचार सिर्फ हँसी-मज़ाक, चुटकुलों और उत्साह से ही आ सकते हैं। तो हँसी-मज़ाक करते रहें।
- सहयोग का मतलब है विचारों को आकार देना और मोड़ना। इस प्रिक्रिया में कुछ समय लग सकता है। तो धैर्य बनाये रख्खे।
कई अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि लोगों को सिर्फ एक आदेश से रचनात्मकता की ओर प्रेरित किया जा सकता है, वह है – ‘रचनात्मक बने’
9.रचनात्मकता को उभारें
- नए विचार पैदा करने के लिए सहयोग का अभ्यास उसी तरह करें, जैसे एक एथलीट खेल का करता है। इस काम को उन अभ्यासों के ज़रिए करें, जो आपकी टीम की रचनात्मक योग्यता को जगाते हों।
- निश्चित करें कि जब टीम नए विचार पैदा करने के लिए सहयोग कर रही हो, तब सदस्य आरामदायक स्थिति में हों। एक ही जगह meetings करने के बजाय सदस्यों को दूसरी जगह ले जाना भी एक बड़ा बदलाव ला सकता है।
- रचनात्मक सहयोग हँसी-मज़ाक से भरपूर होना चाहिए, पर कुछ सदस्य विचारों को दबा सकते हैं या अपने निर्णय थोप सकते हैं इसलिए व्यवहार पर निगाह रखें।
अंतर्मन को कुरेदें, भीतर अच्छाइयों का झरना है; और यदि आप इसे कुरेदना शुरु कर देंगे, तो यह फूट पड़ने के लिए हमेशा तैयार है।
10.ठोस निर्णय लें
निर्णय लेना यह तय करने की कोशिश है कि किसी परिस्थिति या समस्या के मामले में क्या किया जाना चाहिए ? चुनौतीपूर्ण बात यह है कि निर्णय का परिणाम भविष्य की परतों में छुपा रहता है।
एक टीम द्वारा निर्णय लेने की प्रक्रिया को स्पष्ट करने के लिए ज़रूरी है :
- निर्णय लेते समय आपकी टीम को खुद से यह महत्वपूर्ण सवाल पूछना चाहिए कि अगर हम ऐसा करेंगे, तो क्या होगा?
- आँकड़ों के माध्यम से टीम को विभिन्न कदमों के परिणाम तय करने में मदद करें।
- आँकड़े न हों, तो भविष्य के बारे में सवाल पूछने का क्रम तब तक जारी रखें, जब तक कि टीम विभिन्न विकल्पों से संभावित परिणामों को न समझ ले।
एक बार जब आप निर्णय ले लेते हैं, तो ब्रह्मांड उसे संभव बनाने में जुट जाता है।
11.समझौता न करें
समझौता वह स्थिति है, जब कोई टीम किसी निर्णय पर पहुँच तो जाती है, पर उसके कुछ सदस्य या तो उस निर्णय से नाखुश होते यानि उसकी परवाह नहीं करते ?
समझौतापरक निर्णय टीम में कभी-कभी ही उपयोगी होते हैं, इस पर विचार करें:
- निर्णय लेने से पहले टीम के सदस्यों से पूछना चाहिए कि कोई भी उस निर्णय में कमी तो महसूस नहीं कर रहा। समझौता तभी सही साबित हो सकता है, जब सदस्य परिणाम को स्वीकार्य मानते हैं। अगर ऐसा नहीं है, तो निर्णय पर फिर से विचार करने का मौक़ा शेष रहता है।
- यह निश्चित करें कि समझौते के ज़रिए लिए गए निर्णय पर्याप्त प्रभावशीलता और क्षमता से लागू हो रहे हैं। यही वह स्थिति है, जब समझौतापरक निर्णय ख़तरनाक हो जाते हैं।
- समझौते को अपनी टीम की आदत न बनने दें। इससे सदस्य उपेक्षित (Ignored) या अप्रभावी (Ineffective) महसूस करते हैं तथा उनका उत्साह और प्रतिबद्धता भी कम होने लगता है। ऐसी स्थिति में निर्णय लेने के बेहतर तरीक़े सर्वसम्मति के लिए प्रयास करें।
समझौता एक अच्छी छतरी, लेकिन एक कमज़ोर छत है; यह अस्थायी प्रगति है, जो राजनीति में बुद्धिमानी मानी जाती है परंतु राजनीतिज्ञता में निश्चित रूप से बेवकूफी है।
12.सर्वसम्मति बनाने के लिए प्रयास करें
कोई टीम ऐसे कई निर्णय लेती है, जिनमें सभी के commitment की जरूरत होती है। इस तरह के निर्णय को लागू करते समय आपकी टीम के पूरे समर्थन और सहयोग की जरूरत होगी। इस तरह का निर्णय आपकी टीम की सर्वसम्मति की माँग करता है।
इस तरह टीम पहचान सकती है कि किन निर्णयों को सर्वसम्मति की ज़रूरत होती है।
- सर्वसम्मति ऐसे निर्णयों को पैदा करती है, जो समय एवं स्थान के हिसाब से ठीक हैं। यदि स्थितियाँ अलग हों, तो सर्वसम्मति के बजाय अन्य विकल्प बेहतर हो सकता है।
- सर्वसम्मति टीम की तरफ़ से वास्तविक प्रयासों की माँग करती है। यह वहीं पैदा होती है, जहाँ एक योग्य व्यक्ति या टीम का लीडर हो। अगर निर्णय को लेकर कोई संदेह हो, तो लोगों के नज़रिए जानने के लिए meeting करें।
- टीम के सदस्यों को विचारों का आदान-प्रदान करना, उनकी जाँच करना तथा लचीला एवं गैर रक्षात्मक होना सीखना चाहिए।
एक बार फिर, असंभव समस्या तब सुलझती है, जब हम देखते हैं कि समस्या केवल एक मुश्किल निर्णय है, जो लिए जाने की प्रतीक्षा कर रहा है।
13.साझा नज़रिया तलाशे
अगर सहयोग की भावना किसी टीम के रचनात्मक और रोचक विचारों को एक मेज पर लाती है, तो सर्वसम्मति की प्रक्रिया उस टीम को सबसे अच्छ विचार का चुनाव करने तथा उसके साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार करती है। सर्वसम्मति टीम के कुछ सदस्यों के लिए एक नई अवधारणा हो सकती है। इसमें सफलता पाने में उनकी मदद इस तरह करें :
- टीम के हर सदस्य को यह जानना चाहिए कि सर्वसम्मति में सभी के नज़रियों और उसके पक्ष में उनकी दलीलों का व्यवस्थित खुलासा होता है।
- सर्वसम्मत निर्णय से कोई भी अलग नहीं हो सकता। टीम के लिए सदस्यों की सौ फीसदी भागीदारी की शक्ति पहचानने का यही उचित समय होता है।
- सर्वसम्मति विचारों से भरपूर प्रक्रिया है। इसमें ज्यादा समय लग सकता है। लोगों को यह समझाने के लिए समय की ज़रूरत होती है कि आख़िर करना क्या है। सर्वसम्मति बनने के लिए पर्याप्त समय दें।
धैर्य एक कड़वा पौधा है, परंतु इसका फल मीठा होता है।
14.सर्वसम्मत निर्णय लेने का अभ्यास करें
आपकी टीम के लिए सर्वसम्मति टीम को चलाने का एक नया तरीक़ा हो सकती है, इसीलिए टीम को सर्वसम्मति की कला सिखाने के लिए :
- बताएं कि सर्वसम्मति कैसे काम करती है
- टीम द्वारा लिए गए सर्वसम्मत निर्णय को जाँचें
- सर्वसम्मति बनने पर पुरस्कार दें
जब आप अपने जीवनमूल्यों को पहचान जाते हैं, तो निर्णय लेना मुश्किल नहीं रह जाता।
15.विरोध का इस्तेमाल करें
लोग विरोध का सामना करना पसंद नहीं करते। कई लोगों के लिए विरोध और संघर्ष का मतलब सिर्फ परेशानी देने वाला एक भावनात्मक एनकाउंटर है, कुछ ऐसा जिससे बचा जाए। तो विरोध को स्वीकार करना और उसका इस्तेमाल करना एक Important टीम व्यवहार क्यों है?
विरोध का इस्तेमाल करने की शुरुआत के लिए इन steps को follow करे :
- टीम लोगों के विचारों पर पलती है। दूसरे लोग क्या कर रहे हैं, यह जानने के लिए लोगों से सवाल करें। सदस्यों से यह जाँच करने की अपेक्षा करें कि दूसरों के पास कुछ ख़ास नज़रिया क्यों है। अपने नज़रिए को तथ्यों और तर्कों का सहारा देकर तैयार करें।
- आपकी टीम को यह समझने की ज़रूरत है कि अलग-अलग विचार होने का मतलब दूसरों के विचारों को दबाना नहीं है। अलग-अलग विचारो का सामना करना निजी हमला नहीं है; यह विचारों को खोलने का प्रयास है। अगर आपको गुस्सा आने लगे तो कुछ देर टहलें और अपने कानों को सुनने के लिए तैयार कर वापस लौटें।
- अगर आप धीरे से कह सकते हैं कि यहाँ लोगों के बीच वैचारिक मतभेद हैं, तो यह टीम में हर किसी को सतर्क कर बेहतरीन, सर्वाधिक परिपक्व और व्यावसायिक व्यवहार करने में मदद करता है।
सच्चाई दोस्तों के बीच तर्को से खिलती है।
16.विवाद के वायरस को कुचले
आपकी टीम जब विवादों से निपटने में माहिर हो जाएगी, तब संभव है कि वह इतनी शक्तिशाली हो जाए कि विवाद के मौक़ों को ही कम कर दे। विवाद प्रगति की रफ्तार को धीमा करता है और लाख कोशिशों के बावजूद सदस्यों की भावनाओं पर असर डालता है। एक स्मार्ट टीम विवाद के मूल कारण को समस्या बनने से पहले कैसे पहचानती है ? यह जानने के लिए कुछ बातों का परीक्षण करें।
- निश्चित करें कि हर सदस्य टीम के लक्ष्य और अपनी भूमिका को स्वीकार करता है।
- सदस्यों से अतीत को भुलाने और भविष्य पर केंद्रित होने को कहें।
- ध्यान से सुनें कि लोग वाक़ई क्या कह रहे हैं और उनके नज़रिए से चीज़ों को देखने का प्रयास करें।
एक अच्छा प्रबंधक विवाद को ख़त्म करने की कोशिश नहीं करता, बल्कि वह इसे अपने लोगों की ऊर्जा नष्ट करने से दूर रखने की कोशिश करता है।
17.मतभेदों का सक्रिय प्रबंधन करें
विवाद में फँसी किसी टीम के पास उसे सुलझाने के कई तरीके होते हैं।
- किसी गतिरोध को खत्म करने के लिए मतदान का तरीक़ा आज़माएँ।
- विवाद सुलझने के लिए मोलभाव वाले तरीके को अपनाए। जैसे कि “अगर आप यह मान लें, तो मैं वह मान लूँगा।”
- विवाद को ख़त्म करने के लिए शोध का तरीक़ा अपनाए। शोध के कई प्रकार हैं जैसे – सर्वेक्षण, केंद्रीय समूह, साक्षात्कार, ऐतिहासिक दस्तावेज़ों का पुनरावलोकन। समस्या के अनुरूप बेहतरीन उपयुक्त तरीक़ा चुनें।
आपने कोई भी तरीक़ा चुना हो, इन सिद्धांतों पर ध्यान दें :
- ज्यादातर झगड़ों की वजह भिन्न नज़रिए ही होते हैं। आँकड़ों पर ध्यान केंद्रित करें और संभव हो, तो विश्लेषण करें।
- विवाद में शामिल दोनों पक्षों से यह खुलासा करने के लिए कहा जाना चाहिए कि वे वास्तव में क्या सोचते हैं। अगर यह बिंदु खोज लिया जाए, तो दोनों पक्ष यह समझ सकते हैं कि मामले को कैसे सुलझाया जाए।
- एक बार विवाद भावनात्मक हो जाए, तो समाधान और अधिक मुश्किल हो जाता है। इसे टीम का नियम बना दें कि विवाद को बिना तनातनी के सुलझाना है।
जहाँ सब एक समान सोचते हैं, वहाँ कोई भी बहुत ज्यादा नहीं सोचता।
18.एक-दूसरे पर विश्वास करें
यह बात सभी जानते हैं कि जब लोगों के बीच विश्वास की डोर टूट जाती है, तो उनका साथ काम करना मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति में टीम के सदस्य एक-दूसरे से बचने लगते हैं, सूचनाओं को सरलतापूर्वक नहीं बाँटते, एक-दूसरे की बातों पर तीखी नज़र रखने लगते हैं और सामान्य रूप से ईमानदार और खुली चर्चा से बचते हैं। किसी टीम के लिए यह स्थिति अच्छी नहीं है।
इन तरीके को follow करके कोई टीम अपने सदस्यों के बीच विश्वास पैदा कर सकती है :
- अपने वादे पर कायम रहें। अपने हिस्से का काम पूरा न कर टीम का स्तर न गिराएँ। वादे को पूरा करने में नाकाम रहना विश्वास को तोड़ने का तरीका हो सकता है।
- यह जांच ले कि आपकी सूचनाएँ सटीक और ताज़ा हों। यदि लोगों में सूचनाओं की Quality Doubtful रहती है, तो लोग उन पर अविश्वास करना शुरू कर देते हैं। अगर यही टीम का ढर्रा बन जाए, तो सदस्य इस बात पर ध्यान देना छोड़ देंगे कि कोई दूसरा क्या कह रहा है।
- लोग उस व्यक्ति पर भरोसा करते हैं, जो अपना काम निपुणता से करते है और सक्षम तथा आत्म अनुशासित हो।
- क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति पर विश्वास करेंगे, जो स्वार्थी हो, टीम के अन्य सदस्यों के साथ रिश्ते बनाने की परवाह न करता हो, जो किसी से भी रिश्ता जोड़ता नज़र न आता हो? अपने दायरे से बाहर निकलें, दोस्त बनाएँ और दूसरों में रुचि ले।
- लचीलेपन और रचनात्मकता का प्रदर्शन करें लोग बुद्धिमत्तापूर्ण और संतुलित निर्णय लेने का बेहतरीन प्रयास करने वाले सदस्यों पर विश्वास करते हैं।
किसी अकेले व्यक्ति पर ज़िम्मेदारियाँ डाल देने के बजाय कुछ चीजें उसके लिए ज्यादा मददगार हो सकती हैं। उसे यह जानने दें कि आप उस पर विश्वास करते हैं।
19.अच्छी बैठकें आयोजित करें
टीम का काम meetings में पूरा होता है। व्यक्तिगत रूप से meeting के बगैर भी विभिन्न कार्य पूरे किए जा सकते हैं, यहाँ तक कि टीम के दूसरे सदस्यों के साथ विभिन्न परियोजनाओं पर काम भी किया जा सकता है, परं जब कठिन निर्णय लेने या बड़ी समस्याओं का हल तलाशने की बारी आती है, तो टीम की meeting ही इसके लिए सही जगह होती है।
जब टीम की बैठक हो, तो याद रखें :
- अगर meetings प्रभावी रूप से चलती हैं, तो यह संकेत मिलता है कि टीम अच्छा काम कर रही है।
- एजेंडा के द्वारा टीम यह जानती है कि वह कहाँ है और कहाँ जा रही है, एजेंडा नहीं है, तो ध्यान केंद्रित नहीं होगा, उन्नति नहीं होगी।
- सदस्यों का टीम से जुड़ाव और टीम में उनकी भागीदारी meetings को वास्तविक कार्य के लायक बनाते हैं।
वैठकें छोटी और बिंदु आधारित होनी चाहिए।
20.एक-दूसरे की सराहना करें
टीम जब अपने सदस्यों की व्यक्तिगत भागीदारी को मान्यता देती है, तो वह उनके आत्मसम्मान में वृद्धि करती है। इससे लोगों को क़ीमती होने का अहसास होता है। इससे टीम में आपसी समझ और सामुदायिकता का माहौल भी बनता है।
टीम के सदस्यों को इस तरह सम्मान दें :
- अतिरिक्त ज़िम्मेदारी किसी व्यक्ति और उसकी योग्यता के प्रति विश्वास का संकेत करती है।
- सदस्यों के परिवारों को तस्वीर में शामिल करें। परिणाम यह होगा कि टीम के सदस्य और अधिक अपनापन महसूस करेंगे।
- काम के लिए “धन्यवाद” कहें।
एक सौम्य विचार :”अगर इस पल को मैं अपनी पूरी क्षमता से जी रहा हूँ, तो क्या हुआ।
21.टीम को नियमित रूप से आकार दें
एक टीम जिन समस्याओं का आमतौर पर सामना करती है, उनमें से एक है संतुष्ट हो जाना। कोई टीम कई हफ्तों और महीनों तक साथ काम करती है और टीम वर्क में आने वाली समस्याओं का सामना करती है, परंतु उनके समाधान के लिए कुछ नहीं करती और meetings में एक ही तरह का व्यवहार दोहराती रहती है। ऐसी स्थिति में टीम के सदस्य टीम की meetings में भाग लेने से कतराने लगते हैं या टीम द्वारा निर्णय लेने की संभावना पर शक करने लगते हैं।
आपकी टीम को गतिशील बनाए रखने के लिए इन steps को follow करे :
- आत्म मूल्यांकन टीम का गोपनीय हथियार है। टीम को अपने एजेंडा में एक बिंदु जोड़ना चाहिए, जो सदस्यों को एक टीम के रूप में अपने कार्य का मूल्यांकन करने को कहे।
- अगर संविधान के नवीनीकरण की ज़रूरत है, तो सुधार करें, नए मूलभूत नियम बनाएँ, टीम प्रक्रिया को Realistic बनाएँ।
- प्रगति और सुधार का जश्न मनाएँ। अगर आपकी टीम पहले से ज़्यादा प्रभावी हो रही है, तो पता लगाएँ कि टीम पर यह सकारात्मक प्रभाव कैसे पड़ा और टीम को इसे जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करें।
खोज़ की साहसिक यात्रा नए धरातल को देखना नहीं, बल्कि नए नज़रिए से देखना है।
22.हावी हुए बगैर नेतृत्व करें
एक टीम में leader की भूमिका क्या होती है? जवाब है – “यह टीम के स्वरूप पर निर्भर करता है।”
एक प्रभावशाली leader बनने के लिए इन तरीको को follow करे :
- अगर आप टीम के लीडर हैं, तो सदस्यों के बीच ज़िम्मेदारियाँ और निर्णय लेने का अधिकार बाँटने पर विचार करें।
- अपनी टीम के सदस्यों को प्रभावशाली बनाएँ। उन्हें टीम के गुण सिखाएँ, भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करें और उनके मार्ग में आने वाली रुकावटों को दूर करें।
- सलाह दें, दिशा बताएँ, जाँच करने वाले सवाल पूछें, नज़रियों का सार निकालें, सर्वसम्मति बनाएँ और कार्य होने दें।
आजकल सफल नेतृत्व की कुंजी अधिकार नहीं, प्रभाव है।
23.मदद माँगे
उपलब्धि की ख्वाहिश रखने वाले लोगों की यह आदत होती है कि वे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए अपनी टीम पर जबरदस्त दबाव बनाते हैं। हालाँकि उपलब्धि की चाह एक अच्छी बात है, पर इसमें एक ख़तरा यह भी है कि उच्चस्तरीय प्रदर्शन करने वाले लोग ज़रूरत होने पर भी मदद नहीं माँगते।
समस्या के समाधान और सुधार के लिए इन तरीको को follow करे :
- टीम कोई भी कार्य शुरू करने से पहले यह पता लगाने पर जोर दे कि उसे कैसे किया जाता है।
- टीम को हर काम अपने दम पर करने की जरुरत नहीं है। निश्चित रूप से कोई अन्य व्यक्ति या संस्थान इसे पहले ही कर चुका है, उनसे सीखें।
- टीम के सदस्यों के लिए मदद माँगना सुविधाजनक बनाएँ।
लोग उसी स्थिति में सुधार करते हैं, जब उनके पास खुद की नकल करने के अलावा कोई दूसरा आदर्श न हो।
24.हार न माने
उस टीम के बारे में आप क्या सोचते हैं, जो लगातार अनजान या गुमनाम लक्ष्य के लिए संघर्ष कर रही है ? चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का सामना कर रही टीमों के लिए अंतिम तत्व साहस है। कई बार लक्ष्य पाने के प्रति प्रतिबद्ध होने के लिए साहस की ज़रूरत पड़ती है। इसका मतलब पराजित होने पर टीम का रुक जाना नहीं, बल्कि असफलता से सीखना और आगे बढ़ना है। इन विचारों को याद रखें :
- लक्ष्य पर पुनः केंद्रित हों। लक्ष्य प्राप्ति के असल मायने क्या है? जब लक्ष्य आख़िरकार प्राप्त हो जाएगा, तो क्या बदलाव देखने में आएंगे?
- कहीं ऐसा तो नहीं है कि टीम नई और अधिक चुनौतीपूर्ण स्थितियों का मुक़ाबला करने के लिए पुराने विचारों और तरीक़ों का इस्तेमाल कर रही है। तो अब समय है काम को नए तरीक़े और अलग ढंग से करने का।
- कठिन समस्याओं का समाधान रचनात्मकता एवं साहस से होता है।
कभी हार न माने, कभी हार न माने, कभी हार न मानें।
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