How To Structure a Speech | Safal Vakta Safal Vyakti By Ujjawal Patni
प्रस्तुति/भाषण/स्पीच का निर्माण | सफल वक्ता सफल व्यक्ति | How To Structure a Speech By Ujjawal Patni In Hindi |
1.Topic से related जानकारी और तथ्य जुटाना (DATA Collection)
कुछ साल पहले तक किसी topic से related जानकारी collect करना दुखदाई था या तो पुराने newspapers को तलाश करना पड़ता था या topic experts के चक्कर लगाने पड़ते थे। अब यह काफी सरल है। आपको जिस topic पर अपनी बात कहनी हो,अलग-अलग जगह से उससे related सामग्री जमा करें। For Example: इंटरनेट, Related Books, Related topic के specialist, Newspapers, उस topic की जानकारी रखने वाले लोग।
इसके अलावा भाषा को रोचक बनाने के लिए topic से related कोई छोटी कहानी या प्रसंग, रोचक चुटकुले जुटाएं। अपने family members, friends और आपके परिचय में जो अच्छे speaker हों उनसे भी सलाह लें।
2.तथ्यों और सामग्री का चुनाव (DATA Selection)
जानकारी और आँकड़े जमा करने से ज्यादा कठिन काम है उसमें से बोली जा सकने वाली बातें छांटना, इसलिए
- श्रोताओं की आयु, शिक्षा और आर्थिक स्थिति (age, education and financial status) को ध्यान में रखते हुए चुनें।
- Latest और प्रमाणित जानकारी चुनें। कोई विवाद उठने पर आपको स्रोत की जानकारी देनी पड़ सकती है। पुरानी books और उनके आँकड़ों को हमेशा जांच कर के ही शामिल करें।
- तथ्यों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश न करें।
- धार्मिक और सांस्कृतिक (religious and cultural) मूल्यों पर चोट पहुंचाने वाली बातें तभी चुने जब आपको विवाद और चर्चा का विषय बनना हो।
- Time का special ध्यान रखें। ज्यादा लम्बी सामग्री न चुनें।
- अश्लील या अभद्र सामग्री का चुनाव न करें।
- ऐसे चुटकुले शामिल न करें जो श्रोताओं के किसी वर्ग को चोट पंहुचा सकते हैं।
Speech चाहे छोटे event में देना हो या बहुत बढ़े event में, अपनी preparation में कभी कमी न कीजिए। आपके तथ्य और speech में बोलने योग्य सामग्री जितनी अच्छी होगी, आपके श्रोता उतने ही खुश होंगे। पूरे मन से सर्वश्रेष्ठ प्रयास कीजिए।
3.तथ्य speech के रूप में सेट करना (DATA Arrangement)
आपको जो भी जानकारी organizers से मिली थी उससे related सामग्री आपने जुटा ली है। बात को रोचक बनाने के लिए छोटी कहानी, कविता, कहावत, संस्मरण आपने चुन लिए हैं। श्रोताओं को आप उनके बहुमूल्य समय की पूरी कीमत देना चाहते हैं, इसलिए आपने latest तथ्य और आँकड़े सही और विश्वसनीय सूत्रों से इकट्ठे किए हैं। अब question उठता है कि इन सबको मिलाकर एक speech कैसे लिखें जिससे श्रोताओं का दिल जीता जा सके। इन सबको एक कड़ी में कैसे पिरोएं? तो इसी का Answer इस पोस्ट में आगे बताया जा रहा है।
सबसे पहले अपनी speech को तीन हिस्सों में divide करे :
- Speech की शुरुआत
- Speech का मध्य
- Speech का अंत
अब इन के बारे में detail में बात करते है 👇
1.Speech की शुरुआत
शुरुआत speech के लगभग 10-20% हिंस्से को कहा जाता है, इसे प्रभावी बनाने के लिए आप इनका use कर सकते हैं। सनसनीखेज तथ्य, कविता या शायरी, कहावत, अभिवादन, छोटी कहानी, छंद, श्लोक, संस्मरण, प्रशंसा, सहयोगी तकनीकें।
भारतीय परिप्रेक्ष्य में speech की शुरुआत करने के कुछ methods:
1.स्वागत धन्यवाद शैली
यह एक औपचारिक शुरुआत है। इसमें organizers का आभार, उपस्थित प्रमुख हस्तियों और श्रोताओं का स्वागत करते हुए शुरुआत की जाती है। यदि speech के according आपके पास time कम हो तो नामों की लिस्ट एकदम छोटी कर दें।
2.किसी प्रभावी कविता या छंद से शुरुआत
भारतीय परिवेश में यह method special जगह रखता है। family function, cultural evening, धार्मिक program, गणमान्य हस्तियों का परिचय जैसे program हमारे यहां कविताओं और शायरी के बिना अधूरे माने जाते हैं।
3.छोटी कहानी शैली
छोटी और inspirational कहानियां speech के किसी भी हिस्से में use की जा सकती है। कहानी speech के topic से related होनी चाहिए। कहानी का कोई meaning होना चाहिए जिसे श्रोता समझ सके। कहानी छोटी और सहज होनी चाहिए। जटिल और लंबी कहानियों से सुनने वाले ऊब जाते हैं।
4.किसी एक सटीक तथ्य से शुरुआत
यदि श्रोता अत्यधिक शिक्षित (highly educated) और परिपक्व (mature) हो, तो यह शैली असरदार होती है। Technical seminar, Company meeting, Product के sales और प्रचार-प्रसार आदि में इसका ज्यादा use होता है।
5.संस्मरण शैली
Speech में बड़ी-बड़ी लच्छेदार बातों से ज्यादा प्रभाव डालती है हमारे अपनी life से जुड़ी कोई सच्ची घटना। आज भी बुजुर्ग हमें जब अपने संस्मरण सुनाते हैं तो time का पता ही नहीं चलता। आप अपने साथ, friend के साथ, family के साथ हुई किसी घटना को भी बता सकते हैं।
2.Speech का मध्य
Speech के मध्य में topic से related तथ्य, Topic का past-present-future, comparative study, Research, आंकड़े (statistics), विश्लेषण (analysis), निदान आदि रखा जाता है। ज्यादातर इसी part में audio-visual technique, Flip chart आदि का उपयोग होता है।
मध्य speech का 50-70% हिस्सा होता है। मध्य लम्बा और बोझिल हिस्सा माना जाता है परंतु चतुर वक्ता इस हिस्से को रोचक बना लेते हैं। नए वक्ता शुरुआत तो धमाकेदार करते हैं परंतु मध्य में श्रोता उनकी पकड़ से बाहर हो जाते हैं। इसलिए
- इसे एक आकर्षक स्वरूप प्रदान करें।
- आवाज में उतार-चढ़ाव बनाए रखें।
- चुटीले अंदाज में अपनी बात कहें।
- आंकड़ों की presentation सरल और आकर्षक रखें।
- हाव-भाव से श्रोताओं का ध्यान खींचते रहें।
- Audio-visual medium को रंगीन और आकर्षक स्वरूप दें।
3.Speech का अंत
किसी भी speech का अंत सफलता की कहानी को निश्चित करता है। इसलिए जितना असरदार होगा उतने ही लंबे समय तक सबको वह याद रहेगा। अंत आपके पूरी speech के लक्ष्य को स्पष्ट करता है। इसलिए श्रोताओं को यह बताता है कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं इसलिए यह speech का वह हिस्सा होता है जिसे श्रोता अपने साथ घर ले जाता है।
अंत तीर की नोक की तरह होना चाहिए जो श्रोता के दिल और दिमाग में चुभे, झकझोरे।
अंत करने के कुछ तरीके:
1.अपीलात्मक अंत
Political मंच से जनकल्याण (public welfare) के मुद्दों पर, अधीनस्थों (subordinates) की meeting आदि में किसी एक बात की अपील करते हुए अंत किया जाता है। इसके अच्छे result आते हैं और सुनने वाले उस काम को करने के लिए प्रेरित होते हैं। बड़े-बड़े राजनेताओं की अपील खून से सड़कें लाल कर देती हैं। हिटलर अपनी speeches का रात-रात भर rehearsal किया करता था और अपने सैनिकों के बीच जाकर ऐसी तेज धार वाली अपीलें करता था कि सैनिक एक इशारे पर सही-गलत सब कुछ करने को तैयार हो जाते थे।
2.समाधान अंत
Problems पर विचार करने के लिए जब विषय विशेषज्ञ को बुलाया जाता है तो अक्सर इस प्रकार का अंत उपयोग में आता है। इसमें point wise solution suggest किये जाते हैं और उनके माध्यम से speech खत्म होती है जिससे श्रोता के दिमाग में problem solve करने का तरीका आ जाता है। इसमें ठोस बातों और सटीक तथ्यों को सामिल किया जाता है।
3.भाव व मार्मिक अंत यानी इमोशनल अंत
भारत भावना प्रधान देश है। हमारे लिए relationships का, family का, friends का, भावनाओं का बहुत महत्त्व है। भावनाओं से भरा अंत श्रोताओं की आंखें गीली कर देता है, स्तब्ध कर देता है। वे इतने डूब जाते हैं कि कभी-कभी तालियां बजाने के लिए भी हाथ नहीं उठा पाते।
4.धन्यवाद ज्ञापन के साथ अंत
General gatherings में organizers को और श्रोताओं (audience) को धन्यवाद देते हुए अंत कर सकते हैं। ये आपके विनम्र होने का प्रमाण देती हैं। यह एक औपचारिक स्वरूप प्रदान करती है। ज्यादा भारी और झूठे धन्यवाद न दें। आपके धन्यवाद अंत में अनावश्यक (unnecessary) लाइने नहीं होनी चाहिए। एकदम सहज सरल अंत करें और विनम्रता से अपना स्थान लें। बार-बार अंत न करें।
5.वादा-वचन अंत
इस अंत में आप श्रोता से कोई वादा करने को कहते हैं या उन्हें वचन में बांधते हैं।
6.कविता या शायरी से अंत
यदि आपकी शैली अच्छी है तो कहीं भी, कभी भी, आप अपने वक्तव्य के लक्ष्य से जुड़ी कविता या शायरी के साथ अंत कर सकते हैं। याद रखें, कविता को स्पष्ट ठहराव के साथ और पुरे अभ्यास के साथ कहे वरना कविता के साथ आपका प्रभाव भी कम हो जाएगा।
7.हास्यपूर्ण अंत
बोझिल speeches को, technical speeches को और दूसरे सम्मेलनों को हास्य के साथ समाप्त किया जाता है ताकि श्रोता ताजगी महसूस कर सकें। इसके लिए खुद को भी हास्य का पात्र बनाया जा सकता है। गंभीर मुद्दों पर, ज्वलंत मुद्दों पर, message देने वाली speeches में हास्य से अंत कभी न करें वरना श्रोता पर अपेक्षित प्रभाव नहीं रह पाता और श्रोताओं के mind में आपके message की जगह हास्य आ जाता है।
☝ यह Summary है “सफल वक्ता सफल व्यक्ति” By Ujjawal Patni book के एक chapter की। यदि detail में पढ़ना चाहते है तो इस book को यहां से खरीद सकते है 👇