How to be a Successful Leader | Saphal Leader Kaise Bane
How to be a Successful Leader | Saphal Leader Kaise Bane Book Summary In hindi |
💕Hello Friends,आपका स्वागत है www.learningforlife.cc में। आपकी सफलता में उनका हाथ नहीं होता जो पहले से ऊंचाइयों को छू चुके हैं, बल्कि आपको अपने कंधों का सहारा वे लोग देते हैं, जो आपकी तरह ही सफलता पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इन ‘सामान्य’ कहे जाने वाले लोगो के सहयोग से ही बनते हैं आप अतिविशिष्ट (highly specialized)!
यदि आप सफल होना चाहते हैं या लोगों पर सकारात्मक प्रभाव डालना चाहते हैं, तो आपको प्रभावशाली लीडर बनने की जरूरत है। लगभग संसार के हर field में एक खाली जगह होती है। यह खाली जगह एक ऐसे लीडर की wait करती है, जो दूरदृष्टि दे सके और लोगों की ऊर्जा को सबसे अच्छे कामो की ओर मोड़ सके। इस पोस्ट में “सफल लीडर कैसे बनें” Book से सफल लीडर बनने के 15 तरीके दिए जा रहे है। जिससे आप लीडरशिप में कुशल हो जायेगे और सफल लीडर बन जायेगे। तब आपका जीवन ज्यादा सुखद और सफल हो जाएगा।
1.’लीडरशिप’ मैनेजमेंट नहीं
लीडरशिप (नेतृत्व) मैनेजमेंट (प्रबंधन) नहीं है। मैंनेजमेंट का संबंध परिणाम या योजना से है, जबकि लीडरशिप का संबंध कारण या लक्ष्य से है। मैनेजमेंट ‘काम को सही ढंग से करना है’, और लीडरशिप ‘सही काम करना है।’ मैनेजमेंट का अर्थ है, सफलता की सीढ़ी पर कुशलतापूर्वक चढ़ना, जबकि लीडरशिप यह निर्धारित करती है कि वह सीढ़ी सही दीवार से टिकी है।
2.ज़रूरी और महत्वपूर्ण तत्व
लीडरशिप का सबसे ज़रूरी और महत्वपूर्ण तत्व ‘ईमानदारी’ है। जब ईमानदारी की बात आती है, तो यह कहते हुए दुख होता है कि ईमानदारी आजकल दुर्लभ हो गई है। इसके कारण लोगों का नैतिक पतन भी हो रहा है। ऐसा लगता है कि आज ज्यादातर लोग ईमानदारी को दकियानूसी विचार मानते हैं, जिसके बिना काम चलाया जा सकता है। लेकिन हकीकत यह है कि आज ईमानदारी की जितनी जरुरत है, उतनी पहले कभी नहीं रही।
अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना भी ईमानदारी है। ईमानदार होने पर ही स्वतंत्रता का अनुभव किया जा सकता है। ईमानदार व्यक्ति सदा तनाव से मुक्त रहता है। वह दूसरों को अविश्वसनीय रूप से प्रभावित करने और उनकी value बढ़ाने के लिए भी स्वतंत्र हो जाता है। ईमानदारी आपके लिए सफलता के दरबाजे खोलता है।
यदि आप प्रभावशाली लीडर बनना चाहते हैं, तो उचित होगा कि आप ईमानदारी का रास्ता चुनें, क्योंकि बाकी सभी रास्ते असफलता की ओर ले जाते हैं। ध्यान रखिए, ईमानदारी एक स्पष्ट और जागरूक निर्णय से शुरू होता है। ईमानदारी एक habit है, जो हर समय सही काम करने की habit डालती है।
3.लीडरशिप के सिद्धांत
जीवन में सफलता उन्हीं को मिलती है, जो मन में सफलता की इच्छा रखते हैं। कुछ लोगों का विचार है कि कर्म द्वारा ही सफलता मिलती है। बात दोनों ही सही हैं। किसी भी बड़ी सफलता को पाने के लिए आपको दूसरों के सहयोग की जरूरत होती है। उस सहयोग को प्राप्त करने के लिए यह ज़रूरी है कि आपमें लीडर बनने की क्षमता हो। सफलता और लीडर बनने की योग्यता (लोगों से वह कार्य करवाना, जो वे बिना आपकी लीडरशिप के न कर पाएं) दोनों साथ-साथ चलती हैं। यह special लीडरशिप के सिद्धांत, आपको लीडर बनने में सक्षम बना सकते हैं:-
- आप अपने जिन followers को प्रभावित करना चाहते हैं, उनके दृष्टिकोण से ही चीजों को देखने का कोशिश करें।
- यदि कोई problem है, तो उससे निपटने का उपाय क्या है, यह सोचें।
- सफलता और प्रगति के बारे में सोचें। इसके बारे में प्रयास करें और विश्वास बनाए रखें।
- जब भी time मिले, अपने आप पर भी चिंतन किया करें।
4.संगठन और प्रेरणा
लीडर क्या है? लीडर कैसा दिखता है? लीडर में क्या विशेषता होती है? किसी भी situation में, किसी भी group में एक प्रमुख व्यक्ति होता है, जो उस group पर अपना प्रभाव डालता है, वही लीडर है। लीडर के सिर पर कोई सींग नहीं होते, वह भी आम लोगों की तरह इंसान ही होता है और आपके-हमारे जैसा ही दिखता है। लीडर की एक विशेषता सफल लोगों की टीम तैयार करने की होती है। वह नेतृत्व करने में बहुत अच्छा होता है। वह कंपनी के कर्मचारियों को संगठित करने, उन्हें अच्छा काम करने के लिए inspire करने और कंपनी किस तरह चलानी चाहिए, इसमें पूरी तरह capable होता है। वह दूसरों की best qualities को आसानी से बाहर निकाल लेता है। उसमें लोगों को inspire करने की, उन्हें best बनाने का talent होता है।
5.लीडर के अनिवार्य गुण
व्यवसाय, राजनीति और परिवार से संबंधित दो प्रकार के लोग होते हैं। एक तरह के लोग लीडर होते हैं और दूसरी तरह के लोगों को अनुयायी कहा जाता है। यदि आप व्यवसाय के क्षेत्र में हैं, तो इस बात का निर्णय पहले ही कर लें कि इस व्यावसायिक क्षेत्र में आप लीडर बनना चाहते हैं या फिर अनुयायी ही बने रहना चाहते हैं। यदि आपमें नेतृत्व करने की क्षमता नहीं है, तो फिर आपके लिए यही अच्छा है कि अनुयायी ही बने रहें। ये दोनों के वेतन और पद में भारी अंतर होता है। यदि आप अनुयायी हैं, तो आपको लीडर के नेतृत्व में कार्य करना पड़ता है तथा उसके आदेश को मानना भी आपके लिए आवश्यक होता है। यह बात भी अपनी जगह सही है कि हर कोई लीडर नहीं बन सकता।
लीडरशिप के महत्वपूर्ण और अनिवार्य गुण निम्नलिखित हैं:-
1.व्यावहारिक और निश्चित योजना
काम की योजना बनाना और फिर उस योजना पर काम करना ही सफल लीडर होने का सूचक है। जो लीडर व्यावहारिक और निश्चित योजनाओं के बिना सिर्फ अंदाजे से काम करता है, वह बर्फ की चट्टान से टकराने वाले टाइटेनिक जहाज के समान होता है।2.प्रयास का सिद्धांत
सर्वश्रेष्ठ लीडर को अपने supporters के लिए सहानुभूति रखना बहुत जरुरी है। केवल यही नहीं, लीडर को उनकी समस्याओं को भी अच्छी तरह समझना चाहिए। फिर उन समस्याओं को solve करने की कोशिश करनी चाहिए।4.सम्मान की प्राप्ति
नेतृत्व करने में अयोग्य और लापरवाह किस्म का व्यक्ति कभी अच्छा लीडर नहीं बन सकता। लीडरशिप के लिए सम्मान का होना जरुरी है। Follower ऐसे लीडर का सम्मान करना कभी पसंद नहीं करेंगे, जो बुरे व्यक्तित्व वाला हो।
9.साहस का अभाव
6.समयानुसार बदलाव
Organization में बदलाव लाने की कोशिश करना उस समय अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है, जब लीडर अपने आपमें बदलाव लाने के लिए तैयार नहीं होता। किसी भी कंपनी में लीडर को बदलना आसान नहीं हो सकता, लेकिन ज्यादा दबाव डालकर उसमें थोड़ा बदलाव अवश्य ही किया जा सकता है। यह बात भी अपनी जगह सही साबित होती है कि लीडर जितना ज्यादा बदलता है, वह दूसरों के जीवन में उतना ही ज्यादा बदलाव ला सकता है।
यह याद रखना बहुत जरुरी है कि, ‘हम जैसे हैं, वैसे ही बने रहें, तो हम वह नहीं बन सकते, जैसा हमें बनना चाहिए।’ यह एक सच्चाई है कि जब आप बदलना बंद कर देते हैं, तो आप भी बंद हो जाते हैं, जैसे के तैसे रह जाते हैं और कोई progress नहीं कर पाते हैं। Time के साथ बदलना जरुरी है, लेकिन बदलाव हमेसा सोच-समझ कर किया जाना चाहिए।
7.समस्याओं का समाधान
जीवन की कुछ कठिनाइयों को पार करते समय बहुत से लोगों को दूसरे की सहायता की आवश्यकता होती है। वे चाहते हैं कि अच्छे दृष्टिकोण वाला कोई अनुभवी व्यक्ति उनका मार्गदर्शन करे। अधिकांश लोगों को इस तरह के सहयोग की आवश्यकता होती है और वे इसे पसंद करते हैं। विशेषत: तब, जब उनके सामने जीवन की जटिल समस्याएं होती हैं और उनसे संघर्ष करने में कठिनाई होती है।
लीडर का प्रभाव जिन लोगों पर होता है, उन्हें उसकी help की जरुरत होती है, especially: उन लोगों को जो किसी नए स्तर पर जाने, नया काम सुरु करने या किसी नए दौर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें अपने नेतृत्व और मार्गदर्शन के लिए लीडर की जरुरत होती है। एक management specialist ने समस्या को solve करने के लिए इन चार सूत्रों को उपयोगी माना है:-
1. समस्या को स्पष्ट करने के लिए उसके बारे में सोचना।
2. उसके निवारण के उपाय सोचना।
3. उन विचारों पर अमल करने के परिणामों का पूर्वानुमान लगाना।
4. समस्या-निवारण के लिए कौन-सी विधि चुनी जाए, इसका निर्णय करना।
8.नेतृत्व की क्षमता
लीडरशिप प्रभावकारिता के कई सर्वेक्षणों से ज्ञात हुआ है कि लोग जोशीले लीडर्स से जुड़ते हैं। किंतु शिखर पर रहने वाले लोग भावनात्मक रूप से लीडस से नहीं जुड़ पाते हैं। ऐसे कई तरीके खोजने की कोशिश की गई है, जिनसे लोग लीडर्स से जुड़ने का प्रयत्न करते हैं। अनेक बार यह देखा गया है कि असफलता के स्तर पर ही लोग किसी लीडर से जुड़ते हैं।
दूसरे शब्दों में, लोग उस लीडर से बहुत अच्छी तरह से जुड़ते हैं, जिसके बारे में उन्हें यह अनुभव होता है कि उसे भी उन्हीं की तरह अवसर या तो कम मिल रहे हैं या बिल्कुल नहीं मिल पा रहे हैं। वे ऐसे लीडर्स से नहीं जुड़ पाते, जिनके जीवन में उन्हें विपरीत परिस्थितियां या असफलताएं नजर नहीं आतीं।
For Example:- संबंध खराब होने के बावजूद हम संकट में फंसे किसी neighbor, colleague या classmate की help करते हैं। दूसरी तरफ, हम उन लोगों से दूरी बनाए रखने की कोशिश करते हैं, जो हर तरह से बहुत ज्यादा सफल और आदर्श नजर आते हैं।
9.सही दृष्टिकोण
जब हमारी किसी के बारे में negative opinion होता है, तो हम उसके हर काम को स्वार्थपूर्ण या गलत मानते हैं, जब किसी व्यक्ति के बारे में हमारा positive opinion होता है, तो हम उसके हर काम को positive मानते हैं। लकिन सच्चाई यह है कि कोई भी हमेशा अच्छी या बुरी चीजें नहीं कर सकता।
बहरहाल, अपने दृष्टिकोण पर अड़े रहने के कारण हम चीजों को अपने inner beliefs के harmony में देखते हैं। घटनाओं, पृष्ठभूमियों, चीजों और छवियों को देखते समय हम अपने दृष्टिकोण पर ही अड़े रहते हैं। आप जो देखते हैं, आवश्यक नहीं है कि वह पूरी तरह सच हो। यह समझना ही महत्वपूर्ण नहीं है कि आप क्या देखते हैं, बल्कि यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि आप उसे किस तरह से देखते हैं। ध्यान में रखने वाली बात यह है कि आप अपने भीतर जैसा अनुभव करते हैं, अंत में उसी से तय होता है कि आप बाहर कैसा व्यवहार करते हैं।
10.लीडरशिप की शक्तियां
‘नियंत्रण’ और ‘जिम्मेदारी’ यह लीडरशिप की दो प्रमुख शक्तियां हैं। नियंत्रण से तात्पर्य है, समस्याओं को मैनेज करना और जिम्मेदारी से जोखिम लेने के खतरे को मैनेज करना है। जब कोई लीडर नियंत्रण करता है, तो वह अपनी समस्याओं को मैनेज करता है। इसलिए महान लीडर को नियंत्रण और जिम्मेदारी लेने से पीछे नहीं हटना चाहिए। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि लीडरशिप कभी दूसरों के हवाले नहीं करनी चाहिए।
11.लोगों का विश्वास
एंड्रियू कारनेगी ने कहा है “वह व्यक्ति कभी महान लीडर नहीं बन सकता, जो खुद ही सारे काम करने का बीड़ा उठाता है।” बहुत से लोग लीडरशिप के पद पर आकर सारे काम खुद करने की कोशिश करते हैं। वे इस बात को भुला देते हैं कि कोई भी मिस्त्री बिना मज़दूर की सहायता के कोई दीवार खड़ी नहीं कर सकता। एक student बिना teacher के कैसे knowledge पा सकता है। जब क्लास में student ही न हों, तो वहां अकेला बैठा teacher किसे पढ़ाएगा। खुद सारे काम निपटाने वाले लीडर की अवस्था भी कुछ ऐसी ही होती है।
जो व्यक्ति लोगों के साथ मिलकर काम करता है, वह follower है और जो व्यक्ति काम करने के खातिर लोगों को विकसित करता है, वह लीडर है। लीडर को खुद उत्साही रहकर लोगों को encourage करना चाहिए, उन्हें guidance देना चाहिए तथा उन पर विश्वास करना चाहिए। लोगों के बारे में सही opinion रखने वाला लीडर ही उनके growth के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होता है।
12.सर्वश्रेष्ठ की आशा करें
यदि आप किसी से बेहतर प्रदर्शन की आशा करते हैं, तो आपमें उनकी असफलता को सहन करने की शक्ति भी होनी चाहिए। किसी कर्मचारी की गलती या असफलता पर कुछ Manager इतना लताड़ लगाते है कि कर्मचारी सिमटकर रह जाता है और प्रगति की बात सोचना ही बंद कर देता है और जो करता आया है, उसमें ही जुटा रहता है। महान लीडर्स सदा उन लोगों की सराहना करते हैं, जो महान काम करने का प्रयास करते हैं, भले ही वे उसमें हार जाएं। वे इस बात को जानते हैं कि असफलता स्थायी नहीं होती, बल्कि यह उन्हें प्रगति करने के लिए Inspire करती है और जो प्रगति करना चाहते हैं, वे इसकी कभी परवाह नहीं करते और सदा सर्वश्रेष्ठ की आशा ही करते हैं।
13.देखना, सुनना और समझना
एक महान और प्रभावशाली लीडर ही इस बात को अच्छी तरह से जानता है कि दूसरों की बातों को सुनना कितना महत्वपूर्ण होता है। कभी-कभी बोलने से ज्यादा सुनने की प्रक्रिया दूसरों पर बड़ा अच्छा प्रभाव डालती है। एक पुरानी कहावत है कि, “एक चुप सौ को हराती है।” For Example कोई प्रबंधक किसी कर्मचारी को फटकार लगा रहा है, कर्मचारी की गलती हो या न हो, वह चुपचाप अपने काम में लगा रहता है और प्रबंधक की फटकार पर कोई ध्यान नहीं दे रहा तो थक-हारकर प्रबंधक स्वयं ही चुप हो जाएगा। महान लीडर्स में भी दूसरों को प्रभावित करने तथा उनकी बात सुनने की योग्यता होनी चाहिए।
यदि कोई व्यक्ति किसी की सहायता करना चाहता है या उस पर positive प्रभाव डालना चाहता है, तो उसे यह सीखने की जरुरत है कि दूसरों की बातें कैसे सुनी जाएं। उसे दूसरों की बात सुनने की habit डालनी चाहिए। जब भी आप दूसरे की बात को ध्यान से सुनते हैं, तो उसे यह लगता है कि आप उसे महत्व दे रहे हैं। एक प्रेमिका अपने प्रेमी की बात सुनकर ही प्रेम में अभिभूत होती है, न कि अपनी बात सुनाकर। बहुत बार कुछ कहने के बजाय दूसरे की सुनना कहीं अधिक जरुरी होता है। इमर्सन ने कहा था, “मैं जिस व्यक्ति से मिलता हूं, वह निश्चय ही मुझसे श्रेष्ठ होता है, इसलिए मैं उसे सुनने पर अधिक महत्व देता हूं।” कारनेगी ने कहा है, “जो केवल अपनी ही कहता है और दूसरों की नहीं सुनता, वह कभी उनसे मजबूत रिश्ते नहीं बना सकता।”
14.लक्ष्य का सपना
हर महान और उत्कृष्ट उपलब्धियां इसलिए संभव हुईं, क्योंकि किसी ने उस काम को करना चाहा, जिसे impossible समझा जाता था। अविश्वसनीय काम करने के लिए पहले आपको असंभव काम करने का सपना देखना होगा। जब आप असंभव काम करने का सपना देख लें, तो इसके बाद आपको Inspire होना होगा और उसे संभव कर दिखाना होगा। कोई भी काम करने से पहले, किसी भी उद्देश्य के लिए पहले इंसान को कुछ न कुछ कल्पना तो करनी ही होगी, कोई आदर्श (Ideal) अपने सामने रखना ही होगा। उसके according ही वह उस काम को करने की ओर अग्रसर हो सकता है।
लीडर को अपने सपने से शक्ति मिलती है। उसे न केवल यह विश्वास होता है कि उसका सपना सच हो सकता है, बल्कि उसे यह विश्वास होता है कि इसे सच ही किया जाना चाहिए । लीडर का सच्चा सपना होता है कर्मचारियों को विश्वास में लेना, उन्हें Inspire करना, प्रगति के लिए उनमें आशा का संचार करना, time to time उनसे सलाह लेना और उनकी अच्छी सलाह को मानना, उन्हें बदलाव के लिए तैयार करना और उस कंपनी को ऊंचाइयों पर पहुंचाना, जिससे वह संबद्ध रखता है।
15.यह जानना चाहिए
लीडर की राह पकड़ने वाले लोगों को इस बात के लिए मन को दृढ़ करना चाहिए कि उनका future बहुत ही उज्ज्वल है, क्योंकि उनमें नेतृत्व करने की क्षमता है और उन्हें इस बात का भी पूरा विश्वास है कि वह लोगों को Inspire कर सकते हैं। मनुष्य जैसा बनना चाहता है और जिस किसी को follow करना चाहता है, उसको चाहिए कि वह उसका ही आदर्श (Ideal) अपने सामने रखे और सदा यह महसूस करे कि उसमें भी उसके जैसी ही अच्छे काम करने की क्षमता है। असंभव कुछ भी नहीं है। महान वही बने हैं, जिन्होंने असंभव को भी संभव कर दिखलाया।
लीडर की Duty होती है कि वह खुद भी व्यवस्थित रहे और लोगों को भी इसके लिए Inspire करता रहे। लीडर की लीडरशिप योग्यताएं उसकी सफलता का स्तर निर्धारित करती हैं और उन लोगों की सफलता का भी, जो उसके साथ काम करते हैं।
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