Effective body language of an effective speaker | Safal Vakta Safal Vyakti by Ujjwal Patni in Hindi
प्रभावी वक्ता की प्रभावशाली बॉडी लैंग्वेज | Safal Vakta Safal Vyakti by Ujjwal Patni in Hindi |
वक्ता और नेत्र संपर्क
- जैसे ही आपकी नजरें श्रोताओं से मिलती हैं वे आपसे जुड़ जाते हैं।
- यदि आप लगातार किसी एक ग्रुप या व्यक्ति की तरफ ही देखते हैं तो दूसरे श्रोता आपसे कटने लगते हैं।
- आत्मविश्वास से भरी आपकी आंखें जब हॉल में दाएं, बाएं, आगे और पीछे बैठे लोगों की नजरों से मिलती है तो वे आपके भाषण का हिस्सा बनते हैं।
- जैसे ही लोग आपस में बातचीत करना शुरू करते हैं या भाषण से उनका ध्यान हटता है तो आपकी आंखें उन्हें भाषण से जुड़े रहने और ध्यानपूर्वक सुनने का संदेश देती हैं।
- जो लोग आपकी नजरों में अच्छे श्रोता साबित होना चाहते हैं वो अपनी नजर से आपकी नजर मिलने का इंतजार करते हैं।
- यदि आप लिखा हुआ देखकर पढ़ रहे हैं तो श्रोताओं का आपसे कोई नेत्र संपर्क नहीं रहेगा और वे अनियंत्रित हो जाएंगे।
उपस्थित भीड़ में समर्थक या अनुशासित समूहों और व्यक्तियों को ढूंढ़िए। इसी तरह अशांति और उपद्रव फैलाने वाले लोगों को पहचानिए। आप प्रथम 30 सेकंड से एक मिनट में समर्थकों को चुनकर उनसे नजरों का संपर्क स्थापित कर लीजिए। इन्हीं सहमति भरी आँखों के सहारे आपकी प्रस्तुति सफल होगी। कुछ बातो का ध्यान रखे –
- विरोधी ग्रुपों से थोड़ा बचें क्योंकि उनकी असामान्य हरकतें आपको विचलित कर सकती है। आपको अचानक हंसी या गुस्सा आ सकता है और आपकी प्रस्तुति बिगड़ सकती है।
- कुछ श्रोता सहमति में लगातार सिर हिलाते हैं, (Head nodder) ये भाषण के दौरान बड़े अच्छे दोस्त सिद्ध होते हैं।
- किसी की भी आँखों में घूर कर नहीं देखें। समूह को 2-4 सेकंड तक देखें और दूसरे समूह पर नजरें केन्द्रित कर लें।
- नेत्र संपर्क श्रोताओं को नियंत्रित करने का और स्वयं से जोड़ने का प्रभावी माध्यम है।
भाषण और शरीर की भाषा
“आप कभी दूर खड़े होकर किसी समूह को आपस में बातें करते हुए देखिए। आप पाएंगे कि हर व्यक्ति जब कुछ कहता है या कहने जा रहा होता है तो उसके हाथ हरकत में आ जाते हैं। जब तक वह व्यक्ति बात करता है तब तक उसके हाथों की मुद्रा बोलती रहती है।”
हाथों की विशिष्ट भाषा
- हाथों को अभिव्यक्ति का सहज माध्यम बनाइए।
- बड़े-बड़े प्रभावी वक्ता भी हाथों का उचित उपयोग नहीं कर पाते। सामान्य गलतियां – हाथ जेब में जाना, चाबी या पेन से खेलना, बार-बार बाल ठीक करना, चश्मा ठीक करना, पैंट ऊपर खिसकाना, शर्ट की क्रीज ठीक करना, गर्दन खुजलाना। अपनी प्रस्तुति को और अपनी आदतों को ध्यान से देखें। यदि इनमें से आप कोई गलती कर रहे हैं तो उसे दूर कीजिए। अपनी कुछ विशिष्ट शैलियां बनाइए।
- कृत्रिम (artificial) हाव-भाव बनाने का प्रयास न करें उससे श्रोता प्रभावित नहीं होते।
- हाथों के कई इसारे अपमानजनक होते हैं। क्रोध पैदा करते हैं। उनकी पहचान करें और बचें।
पैरों के बीच 10-12 इंच की दूरी रखकर सीधे खड़े रहें जिससे आपका शरीर ऊर्जावान नजर आए। सामान्य गलतियो से बचे – एक के ऊपर एक पैर रखना, बार-बार एक पैर से दूसरे पैर पर पेंडुलम की तरह शरीर का वजन डालना, पैर बहुत फैलाकर खड़े होना, बार-बार पैरों को आगे पीछे लेना। इन गलतियों पर ध्यान दें अन्यथा श्रोता का ध्यान आपकी बात से हटकर पैरों पर चला जाएगा।
स्टेज पर बहुत ज्यादा मत हिलिए। आपकी हर हरकत का एक उद्देश्य होना चाहिए। यदि आप स्टेज के मध्य में हैं तो अपनी बात को प्रभावी बनाने या कोई धमाकेदार वाक्य बोलने के लिए जनसमूह की ओर तीन कदम बढ़ाइए। उससे वे सारे कार्य छोड़कर सिर्फ आपकी ओर आकृष्ट हो जाएंगे।
यदि आप सुनने वालों से घुलमिल जाना चाहते हैं तो श्रोताओं के बीच भी जा सकते हैं। ये तरीके अनुभवी वक्ताओं के लिए ज्यादा उपयुक्त है, नए वक्ताओं को स्टेज के मूल नियम याद रखने चाहिए। आपकी हर हरकत का एक अर्थ होना चाहिए। For Example:
1. यदि आप एक खुले मंच पर बिना स्टैंड के खड़े हैं और आप मंच पर श्रोताओं की दिशा में कदम बढ़ाते हैं तो उन्हें ऐसा लगता है कि आप कोई महत्वपूर्ण बात कहने जा रहे हैं।
“बिना ठोस कारण के स्टेज पर हलचल न करें”
विजेता का पहनावा
आपका पहनावा आपके व्यक्तित्व की प्रथम पहचान होती है। कुछ वक्ता वेशभूषा को खास महत्त्व नहीं देते परंतु Ujjwal Patni के नजरिया से हमें वेशभूषा और पहनावे को अतिमहत्त्वपूर्ण श्रेणी में लेना चाहिए। इस पहलू को कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। For Example: आप एक सामान्य दुकानदार से पूछिए कि जब एक सामान्य व्यक्ति खरीदारी करने आता है और जब एक शानदार पहनावे वाला प्रभावशाली व्यक्तित्व खरीदारी करने आता है तो दुकानदार के व्यवहार में कैसा परिवर्तन आता है। आपका पहनावा आपका प्रारंभिक प्रभाव पैदा करता है।
हममें से हर कोई नए वस्त्र पहनकर अपने आपको ज्यादा खूबसूरत और स्मार्ट महसूस करता है। जब हम कोई बेहतरीन ड्रेस पहनते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है मानो सारी नजरें चुपके से हमें देख रही है। आकर्षक, सलीकेदार और पसंदीदा कपड़े हमारे अंदर आत्मविश्वास पैदा करते हैं। अक्सर लोग कपड़ों से ही व्यक्तित्व के बारे में राय बना लेते हैं।
मनोवैज्ञानिक विश्लेषकों ने दो युवाओं को लेकर एक सर्वे किया। प्रथम युवक के कानों में बालियां हैं, बांह पर गोदना है, उसने जगह-जगह छेद वाली आधुनिक जींस पहनी हुई है, अलग हेयर स्टाइल है। द्वितीय युवक ने सामान्य-सी सलीकेदार शर्ट-पैंट पहनी है, वस्त्रों से मैच करते जूते और बेल्ट हैं, एक अच्छी घड़ी कलाई पर है। आपको इन दो में से किसी एक को अपना मातहत या साथी चुनना है तो आप किसे चुनेंगे। सर्वे में मध्यम और लघु शहरों में लगभग 95% लोगों ने द्वितीय युवक को अपना वोट दिया। मेट्रो में लगभग 70% लोगों ने द्वितीय युवक को वोट दिया और 30% लोगों ने प्रथम युवक को चुना। इन 30% में अधिकांश फैशन और मीडिया के लोग थे।
यह प्रथम राय या प्रथम इम्प्रेशन बहुत महत्त्व रखता है, अतः हमेशा अपना जोरदार प्रथम प्रभाव छोड़ने का प्रयास करें।
ध्यान देने योग्य बातें –
• कार्यक्रम के अनुसार वेशभूषा का चुनाव करें। जैसे-एक बिजनेस मीटिंग में सूट और संगीत संध्या में एक डिजाइनर कुर्ता ज्यादा उपयुक्त रहेगा। शोक समारोह में सादगी और वैवाहिक कार्यक्रमों में तड़क-भड़क, ये स्वघोषित नियम हैं, इनका पालन कीजिए।
☝ यह लिया गया है “सफल वक्ता सफल व्यक्ति” by Ujjwal Patni book से। यदि detail में पढ़ना चाहते है तो इस book को यहां से खरीद सकते है 👇