सवाल ही जवाब है | Questions Are The Answers – देहभाषा संकेतों को किस तरह पढ़ें By Allan Pease

SAWAL HI JAWAB HAIN – How To Read Body Language Signs
सवाल ही जवाब है | Questions Are The Answers - देहभाषा संकेतों को किस तरह पढ़ें By Allan Pease
सवाल ही जवाब है | Questions Are The Answers – देहभाषा संकेतों को किस तरह पढ़ें By Allan Pease
        💕Hello Friends,आपका स्वागत है learningforlife.cc में। हममें से शायद हर कोई यह जानता है कि उसके व्यवहार से उसका दृष्टिकोण समझा जा सकता है। आमने-सामने की मुलाक़ातों में आपके श्रोताओं पर आपके संदेश का प्रभाव इस तरह होता है :
शब्द का प्रभाव 7% से 10% 
स्वर का प्रभाव 20% से 30% 
देहभाषा (Body Language) का प्रभाव 60% से 80%
इससे यह पता चलता है कि किसी भी बातचीत में श्रोताओं पर सबसे ज्यादा प्रभाव देहभाषा (Body Language) का पडता है। इस पोस्ट में “सवाल ही जवाब है” Book से देहभाषा पढ़ने के नियम, देहभाषा कैसे पढ़े और बातचीत के दौरान किस देहभाषा का use करना है और किसका नहीं यह बताया जा रहा है।

देहभाषा पढ़ते समय इन तीन नियमो को याद रख्खे ➤

नियम 1 : संकेत समूह को पढ़ना

कभी भी किसी संकेत का अकेले विश्लेषण न करें। For Example सिर खुजाने के कई मतलब हो सकते हैं- डेन्ड्रफ़,खटमल, पसीना, अनिश्चितता, भुलक्कड़पन या झूठ, जिसका सही अर्थ उसी समय दिखाई दे रहे अन्य संकेतों पर निर्भर करता है। सही अर्थ समझनेके लिए हमेशा पूरे संकेत समूह को पढ़ें जो कम से कम तीन संकेतों से मिलकर बना हो।

नियम 2 : पृष्ठभूमि का विचार करें

        संकेत समूहों का विश्लेषण उस पृष्ठभूमि में होना चाहिए जिसमें वे नज़र आते हैं। For Example अगर कोई व्यक्ति बस स्टैंड पर अपने हाथ और पैर आर-पार बाँधकर खड़ा हो, उसकी ठुड्डी नीचे हो और मौसम ठंडा हो तो इस बात की संभावना अधिक है कि उसे ठंड लग रही है, न कि वह सुरक्षात्मक मुद्रा में है।

नियम 3 : सांस्कृतिक भिन्नताओं का ध्यान रखें

        एक संकेत जो एक देश में एक चीज़ का प्रतीक होता है, दूसरे देश में वह किसी दूसरी चीज़ का प्रतीक हो सकता है। For Example इस चित्र में दर्शाई अंगूठी मुद्रा का अर्थ पश्चिमी देशों में आम तौर पर ‘ओके’ या ‘अच्छा’ होता है। फ्रांस में इसका अर्थ ‘जीरो’ या ‘कुछ नहीं’ होता है, जापान में इसका अर्थ ‘पैसा’ होता है और कई भूमध्यसागरीय देशों में यह यौन-अपमान का संकेत है।

देहभाषा पढ़ना कैसे सीखें?

हर दिन पंद्रह मिनट का समय निकालें, लोगों के संकेतों को पढ़ें और खुद के संकेतों के बारे में भी सचेतन जागरूकता विकसित करें। देहभाषा पढ़ने की सबसे अच्छी जगह वह होती है जहाँ बहुत से लोग आपस में मिलते और चर्चा करते हैं। टीवी देखना भी सीखने का एक बेहतरीन तरीक़ा है। आवाज़ को बंद कर दें और केवल तस्वीर देखकर ही यह समझने का प्रयास करें कि क्या हो रहा है।

सबसे ज्यादा प्रयोग में आने वाले देहभाषा संकेतों की संदर्भ सूची ➤

1. हाथ बाँधना

        शरीर के सामने हाथ बाँधना या शरीर के सामने हाथ आड़े रखना एक असंगत और सुरक्षात्मक दृष्टिकोण दर्शाता है। इस संकेत में किए गए research बताते हैं कि सुनते समय जो श्रोता इस मुद्रा का प्रयोग करते हैं वे उन लोगों से 38 प्रतिशत कम समझते हैं जो खुली स्थिति में होते हैं।
        हाथ बाँधने के कई तरीक़े होते हैं जैसे आधे हाथ बाँधना (चित्र 4)। अपने आपसे हाथ मिलाना (चित्र 5), जो उस स्पर्श का अवशेष है जब आपके घबरा जाने पर आपके माता-पिता आपका हाथ पकड़ा करते थे और दोनों हाथों से कोई चीज़ पकड़ना (चित्र 6)।

2. हाथ से चेहरे को छूना

        वे सभी Researcher, जिन्होंने हाथ से चेहरे के स्पर्श के संकेत को study किया है, सहमत हैं कि इसका संबंध नकारात्मक (Negative) भावनाओं से है। पश्चिमी (Western) और अधिकतर यूरोपी लोग उस समय हाथ से चेहरे को ज़्यादा छूते हैं जब वे झूठ बोलते हैं।
        बच्चों में आम तौर पर देखा जाता है कि झूठ बोलते वक़्त वे अपना चेहरा छुपा लेते हैं। वयस्कों में भी यह (चित्र 8)  देखा जा सकता है। झूठ बोलते समय नाक की संवेदनशीलता बढ़ जाती है, जिसके कारण नाक से स्पर्श (चित्र 9) बढ़ जाता है। आँखों को हाथ से छुपाने से हम वह नहीं देखते जो हम नहीं देखना चाहते या जिस पर हमें विश्वास नहीं होता। यह आँख मलने की मुद्रा (चित्र 10) का उद्गम स्रोत है। कान मलना (चित्र 11) सर गर्दन को खुजाना (चित्र 12) भी यह संकेत देते हैं कि व्यक्ति अनिश्चित है या जो कहा जा रहा है उस पर वह विश्वास नहीं कर रहा है।

सकारात्मक देह-संकेत (Positive body signs)

1. सिर झुकाना : जब हम उस चीज़ में रूचि लेते हैं जो हम देख या सुन रहे हैं तो हम अपने सिर को एक और झुकाते हैं। अगर आपका Customer अपना सिर एक और झुकाए हुए हो तो प्रस्तुति जारी रखें। अगर उसका सिर सीधा होता है या इधर-उधर हिलने-डुलने लगता है या उसका सिर उसके सीने पर गिर जाता है तो उसका ध्यान अपनी ओर दोबारा खींचे या बातचीत की दिशा बदलें।

2. गाल पर हाथ रखना : यह आपकी Presentation का सकारात्मक अंदाज़ दिखाता है। हाथ गाल पर टिका रहता है, पर सिर को सहारा नहीं देता। उंगली सामान्यत गाल को छूती है। यदि सिर हाथ के सहारे टिकने लगे तो इसका यह मतलब है कि श्रोता की रुचि घट रही है।
3. चश्मे की नोक चूसना : कोई व्यक्ति पेन, पेंसिल या अपने होंठ भी चूस सकता है। यह तब देखा जाता है जब व्यक्ति किसी निर्णय पर पहुँचने का प्रयास करता है। परंतु यह निर्णय लेने से रोकने का भी लक्षण हो सकता है क्योंकि उसके मुँह में कोई चीज़ होने के कारण वह जवाब देने की आवश्यकता महसूस नहीं करता।
4. सामने झुकना : हम उन लोगों या वस्तुओं के नज़दीक आते हैं जो हमें रोचक या आकर्षक लगते हैं। इसे शुरुआत करने वाले व्यक्ति की स्थिति न समझ लें क्योंकि दोनों ही एक जैसे दिखते हैं परंतु उनके दोनों हाथ घुटनों पर रहते हैं और ऐसा लगता है जैसे आदमी दौड़ लगाने वाला हो, शायद दरवाज़े की ओर।
5. मीनार : यह संकेत एकाकी संकेत की तरह पढ़ा जा सकता है और इससे एक ठंडे किंतु विश्वासपूर्ण रवैए का पता चलता है। सवाल यह है कि यह विश्वास किसके प्रति है? क्या विश्वास आपके साथ चलने के बारे में है? या विषय पर अपने स्वयं के ज्ञान पर विश्वास है? क्या यह उन्होंने पहले कहीं सुन रखा है? जिस पृष्ठभूमि में इसका प्रयोग किया जाता है, उसी से इसका सही जवाब मिलता है।
6. बाहर झाँकते अंगूठे : कोट की जेब, पैंट की जेब में से अंगूठे बाहर निकल सकते हैं। बाहर निकले अंगूठे से श्रेष्ठतापूर्ण रुख़ का संकेत मिलता है- विश्वासपूर्ण और ठंडा, जो मीनार की तरह का संकेत होता है। अपने श्रोताओं के सामने इस संकेत का प्रयोग करना समझदारी नहीं होगी क्योंकि इसे घमंडी या बेअदब व्यवहार माना जा सकता है।
7. दोनों हाथ सिर के पीछे : ऐसा आम तौर पर पुरुष करते हैं। इससे यह Communicate होता है, ‘मैं इसके बारे में सब कुछ जानता हूँ- मुझे सब मालूम है।’ आप इस व्यक्ति से इस तरह का सवाल पूछ सकते हैं, ‘मुझे लगता है कि आप इस बारे में कुछ जानते हैं- क्या आप मुझे अपना अनुभव बताना चाहेंगे?’ इसका परिणाम या तो सहयोग या फिर वाद-विवाद होगा, जो इस बात पर निर्भर करता है कि संकेत किस पृष्ठभूमि में दिया गया है।

नकारात्मक देह संकेत (Negative body signs)

1. आलोचनात्मक मूल्यांकन : यह संकेत काफ़ी इस्तेमाल होता है और इससे श्रोता के आलोचनात्मक विचारों का प्रदर्शन होता है। तर्जनी उंगली (Index finger) गाल के ऊपर टिकी रहती है, अंगूठा ठुड्डी को सहारा देता है और मध्यमा उंगली (Middle finger) या तो मुँह पर या मुँह के आस-पास होती है। “आपका विचार क्या है?” इस तरह का सवाल उस व्यक्ति की भावनाओं को सामने ला सकता है।

2. काल्पनिक रोयाँ चुनना : काल्पनिक रोयाँ चुनना यह बताता है कि जो कुछ भी कहा जा रहा है व्यक्ति उससे असहमत है। जब वह व्यक्ति काल्पनिक फाहा या रोयौं चुन रहा होता है तो वह दूसरी ओर देखने लगता है। इस तरह के व्यक्ति से ‘मुझे लगता है आप कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं?’ जैसे सवाल पूछना ठीक रहेगा।
3. कॉलर खींचना : जब कोई चुपचप गुस्सा होता है, विचलित होता है या धोखा देता है तो उसकी गर्दन में सनसनाहट या झुनझुनी का एहसास होता है। इस स्थिति में उस व्यक्ति की इच्छा होती है कि वह गर्दन से कॉलर को खीचकर अलग कर ले। इस तरह के व्यक्ति से यह सवाल पूछना ठीक रहेगा, ‘इस बारे में आपके क्या विचार हैं?’
4. गर्दन में दर्द : यह expression पूरी तरह बताता है कि यहाँ क्या हो रहा है। बढ़ते हुए तनाव (Tension) या बढ़ती हुई कुंठा (Frustration) के कारण आदमी अपनी गर्दन के पिछले हिस्से को सहलाता या ठोकता है ताकि वहाँ उठ रही झुनझुनी के एहसास को शांत किया जा सके।
5. मंद-मंद आँखें झपकाना : यह चिढ़ाने वाला संकेत उस व्यक्ति द्वारा दिया जाता है जो खुद को आपसे बेहतर, समझदार, अमीर या स्मार्ट समझता है। इसके साथ ही ऐसा व्यक्ति अक्सर अपने पैर के तलवे को उठाकर अपना क़द बढ़ाने का प्रयास भी करता है। दिमाग़ जब कोई चीज़ नहीं देखना चाहता तो वह आँखों को बंद कर लेता है। हो सकता है वह व्यक्ति आपको नफ़रत की नज़र से देख रहा हो।
6. कुर्सी पर पैर रखना : इसके कई अर्थ होते हैं- पहला यह कि व्यक्ति आरामदेह है और आत्मविश्वास से पूर्ण है, विशेषकर जब वह कुर्सी उसकी न हो। दूसरी ओर, यह उसकी क्षेत्रीय सीमा का संकेत भी हो सकता है क्योंकि वह कुर्सी के ऊपर पैर रखकर उस पर अपना हक जता रहा है। सारा का सारा रुख़ आरामदेह उदासीनता का संकेत होता है।
7. कुर्सी पर पैर फैलाकर बैठना : यह विशेष तौर पर एक पुरुष संकेत है क्योंकि यह अधिकार या श्रेष्ठता का संदेश forward करता है। कुर्सी की पीठ ‘ख़तरे’ से रक्षा करती है और पैर फैलाना पुरुष का प्राचीनतम अधिकार संकेत है। जो आदमी इस स्थिति में हो उससे कभी बहस न करें। इसके बजाय उसे चर्चा में शामिल करें और कुर्सी सीधी करके बैठने के लिए कहें।

8. धीमे-धीमे हाथ मलना : हाथ मलने की गति से व्यक्ति की भावनाओं का पता चलता है। तेज़ी से हाथ मलने वाला व्यक्ति किसी बात के परिणाम के प्रति रोमाचित अनुभव करता है। धीमे-धीमे हाथ तब मले जाते हैं जब उस व्यक्ति की चर्चा से लाभ होने या पैसा मिलने की आशा होती है।

☝यह summary है “सवाल ही जवाब है (QUESTIONS ARE THE ANSWERS)” By Allan Pease book के 5th chapter की है। यदि detail में पढ़ना चाहते है इस बुक को यहां से खरीद सकते है 👇

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